झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से संबंधित मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कड़ी नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि लोग मिलावटी भोजन खाकर बीमार हो रहे हैं, लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है। सरकार को चार जिलों में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए लैब खोलने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इस पर भी सरकार की ओर से ठोस जानकारी नहीं दी जा रही है।अदालत ने सरकार से पूछा है कि मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए है। अदालत ने मामले के अगली सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित की है।अदालत ने कहा कि राज्य के 24 जिलों में मात्र रांची के नामकुम में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए फूड लैब बनाए हैं। फूड लैब की संख्या कम से कम चार होनी चाहिए थी। वही, राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थ के लिए जांच के लिए मोबाइल वैन की संख्या कम से कम 24 होनी चाहिए थी, ताकि राज्य के सभी जिलों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच हो सके।