नई दिल्ली । दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने समय समय पर मरीजों व उनके तिमारदारों की ओर से एम्स कर्मियों द्वारा रिश्वत मांगने और परेशान करने का मामला सामने आने के बाद बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, एम्स प्रशासन ने रिश्वतखोर कर्मचारियों पर लगाम लगाने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है। इसके जरिए मरीजों और तीमारदारों से अपील की गई है कि ऐसे कर्मचारी जो किसी भी काम के लिए रिश्वत की मांग करें या मरीजों को परेशान करें, उनके बारे में व्हाट्सएप के जरिए शिकायत करें। एम्स प्रशासन शिकायत मिलने पर ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। दिल्ली एम्स की ओर से कहा गया है कि मरीजों का शोषण करने वाले अनधिकृत व्यक्तियों के गोरखधंधे को काबू में करने के लिए यह कदम उठाया गया है। एम्स प्रशासन ने मरीजों से अपील की है कि वो ऐसे अनधिकृत लोगों व कर्मियों से संबंधित शिकायतें और सबूत व्हाट्सएप नंबर पर भेज सकते हैं। व्हाट्सएप नंबर फरवरी के अंत तक चालू हो जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान के डायरेक्टर एम श्रीनिवास ने मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ बातचीत के दौरान पाया था कि एम्स परिसर में घूम रहे दलाल और एजेंट उनमें से कुछ को दवा की आपूर्ति करने या एम्स के बाहर जांच में मदद करने का बहाना बना, या उन्हें तेजी से सुधार के लिए अन्य अस्पतालों में रेफर कराकर लूटते हैं। इन मामलों को देखते हुए संस्थान ने व्हाट्सएप नंबर (9355023969) जारी किया है। यह नंबर 29 फरवरी, 2024 तक चालू हो जाएगा।