शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली भाषा विभाग 

 प्रथम दिवस 
सेंट जोसेफ कॉलेज में राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन फरवरी वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के सौजन्य से सेंट जोसेफ कॉलेज फॉर वुमेन के भाषा विभाग के तत्वावधान में भारतीय भाषाओं में शैक्षिक एवं तकनीकी शब्दावली के महत्व पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सोमवार की सुबह सी एसटीटी , शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में इसकी शुरुआत हुई। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सिस्टर शैजी, सम्मेलन संयोजक डॉ. पीके जयलक्ष्मी, विशिष्ट अतिथि आंध्र विश्वविद्यालय कॉलेज विकास परिषद के डीन, सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष आचार्य सीएनवी सत्यनारायण रेड्डी, सीएसटीटी कार्यक्रम अधिकारी सीएच. विनोदिनी देवी ने दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत की। डॉ. सिस्टर शैजी ने स्वागत भाषण दिया और अतिथियों को आमंत्रित किया। संयोजिका डॉ. पी.के. जयलक्ष्मी ने सम्मेलन के उद्देश्यों के बारे में बताया। बाद में, विनोदिनी देवी ने सीएसटीटी द्वारा देश भर में आयोजित सम्मेलनों, उनके द्वारा तैयार की जा रही अध्ययन सामग्री और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। सम्मानित अतिथि आचार्य सत्यनारायण रेड्डी ने छात्रों के व्यापक विकास के लिए कॉलेज के कार्यक्रमों, संकाय प्रदर्शन और प्रबंधन के प्रोत्साहन की प्रशंसा की। मुख्य अतिथि सीएसटीटी अध्यक्ष आचार्य गिरीश नाथ झा ने इंटरनेट के माध्यम से तकनीकी शब्दावली के निर्माण में सीएसटीटी के नवीन शोधों और नए रुझानों के बारे में बताया। संयोजक डॉ. पी.के. जयलक्ष्मी इस संगोष्ठी में सौ से अधिक शिक्षक, शोध छात्र एवं अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में सिस्टर मेरी, नैन्सी, जैन थॉमस, डॉ. निर्मला, डॉ. एस. दीप्ति, डॉ. गौरी नायडू, डॉ. डी.के. राव, डॉ. भास्कर सुधा ने भाग लिया। हैदराबाद केंद्रीय भाषा विज्ञान विश्वविद्यालय के आचार्य एस अरुल मोली ने तकनीकी शब्दावली अनुवाद विधियों के बारे में, द्रविड़ विश्वविद्यालय के आचार्य एमसी केशवमूर्ति ने भारतीय भाषाओं की एकता के बारे में, राजमुंदरी सरकारी कॉलेज के राजनीति विभाग के आचार्य के. सीतामहालक्ष्मी ने नई शैक्षणिक प्रणाली के बारे में, नन्नया विश्वविद्यालय के आचार्य टी. सत्यनारायण ने लुप्तप्राय तेलुगु के शब्दावली संरक्षण-अनुसंधान विषय पर भाषण दिये ।

व्दितीय दिवस 

सेंट जोसेफ महिला कॉलेज, के तत्वावधान में भारतीय भाषाओं में शैक्षिक एवं तकनीकी शब्दावली के महत्व पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन मंगलवार शाम पांच बजे को समाप्त हुआ। मंगलवार सुबह 9 बजे तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी आचार्य एसवीएसएस नारायण राजू गैर-हिंदी क्षेत्रों में हिंदी में रोजगार के अवसर विषय पर बेंगलुरु एलायंस यूनिवर्सिटी हिंदी आचार्य अनुपमा तिवारी दक्षिणी भाषाओं में अर्थ की तुलना और अंतर पर, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिंदी आचार्य चारला अन्नपूर्णा भारतीय भाषाओं में अनुवाद, हिंदी साहित्य भारती एपी के अध्यक्ष डॉ. एस. कृष्णा बाबू भारतीय पारंपरिक और वर्तमान शिक्षा प्रणाली, राजमुंदरी गवर्नमेंट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एचएसएम कामेश्वर राव, दक्षिणी भाषाओं में ध्वन्यात्मक विकास, तेलुगु अनुवाद विधा, डीसीआई के पूर्व संयुक्त प्रबंधक डॉ. के. राजशेखर ने अनुवाद के महत्व पर व्यापक भाषण दिए।

समापन बैठक में  वक्ताओं ने राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने वाले सीएसटीटी और इसे संचालित करने वाले कॉलेज को बधाई दी। सीएसटीटी कार्यक्रम समन्वयक  मर्सी ने  सम्मेलन के आयोजन पर संतोष जताया।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन में दो दिनों में 120 लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सम्मेलन में भाग लेने वाले शिक्षकों और शोध छात्रों ने कहा कि उन्होंने इस राष्ट्रीय सम्मेलन से बहुत सी अच्छी बातें सीखी हैं और उन्हें भविष्य में सीएसटीटी से और अधिक सम्मेलनों की उम्मीद है। सीएसटी अधिकारियों ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।संयोजक ने धन्यवाद ज्ञापन में सीएसटीटी, वक्ताओं, मेजबानों और कॉलेज के प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान  के साथ सम्मेलन का समापन हुआ।

साभार ...डा.पी.के.जयालक्ष्मी

प्रेषक....लिंगम चिरंजीव राव