यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए सुपर बूस्टअप साबित होगा अयोध्या धाम और राम मंदिर
अयोध्या । अयोध्या धाम में श्रीरामलला की उनके भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्य सोमवार को हो चुका है। मंगलवार से रामभक्तों को श्रीरामलला के दर्शन भी मिलने लगे हैं। हजारों की संख्या में इस ऐतिहासिक उत्सव में भाग लेने पहुंचे श्रद्धालु जय श्रीराम और सीताराम का नारा लगाते हुए मंदिर पहुंच रहे हैं। श्रद्धा की दृष्टि से यह ऐतिहासिक अवसर रहा, साथ ही उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह बड़ा अवसर बनने जा रहा है। कई देशी और विदेशी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अयोध्या आने वाले समय में न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्डतोड़ वृद्धि दर्ज करने जा रहा है, बल्कि प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई प्रदान करने वाला है। सीएम योगी और पीएम मोदी ने जिस तरह व्यापक विकास के जरिए अयोध्या धाम की तस्वीर बदली है, उसी तरह आने वाले समय में अयोध्या धाम उत्तर प्रदेश और देश की तकदीर बदल सकता है। पूरी संभावना है कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सीएम योगी के संकल्प को पूरा करने में अयोध्या धाम एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
मंदिर निर्माण से जुड़ी रही कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने दावा किया है कि नवनिर्मित राम मंदिर अगले एक हजार साल तक बना रहेगा। इसकी इंजीनियरिंग ऐसा किया गया है कि यह एक हजार साल से भी ज्यादा समय तक डैमेज नहीं हो सकता। जाहिर है इसका इकॉनमिक इम्पैक्ट भी बड़ा होने वाला है। हाल ही में एसबीआई रिसर्च ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि राम मंदिर और अन्य टूरिज्म सेंट्रिक इनीशिएटिव्स के कारण उत्तर प्रदेश को 2024-25 में 25 हजार करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन होने की उम्मीद है। इसमें अयोध्या सबसे अहम फैक्टर होगा। राम मंदिर बनने के बाद न सिर्फ उत्तर प्रदेश और देश के अंदर बल्कि दुनिया के कई हिस्सों से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो यहां टूरिज्म को लेकर एक बड़ा बूस्ट साबित होगा। दावा किया जा रहा है कि टूरिज्म में होने वाली वृद्धि से उत्तर प्रदेश इस वर्ष करीब 4 लाख करोड़ रुपए और अमीर हो जाएगा।
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद सिर्फ देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी मेगा इकॉनमिक ऑब्जर्वेशन की जा रही है। स्टॉक मार्केट रिसर्च फर्म जेफरीज का दावा है कि अयोध्या धाम श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में वेटिकन सिटी और मक्का को भी पीछे छोड़ देगा। वेटिकन सिटी कैथोलिक का सबसे पवित्र स्थान है, जहां हर साल लाखों लोग आते हैं। इसी तरह सऊदी अरब का मक्का, जो मुस्लिम समुदाय के लोगों की आस्था का सबसे प्रमुख स्थान है। यहां भी लाखों लोग हर साल विजिट करते हैं। ये दोनों स्थान कई वर्षों से श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में सबसे आगे रहे हैं और यहां प्रति वर्ष करीब 3 करोड़ श्रद्धालु पहुंचते हैं। दावा है कि राम मंदिर की वजह से अयोध्या धाम इन दोनों को पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट के अनुसार राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या टूरिज्म का एक बड़ा हॉट स्पॉट बनने जा रहा है और यहां एक वर्ष के अंदर 5 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है। जेफरीज ने ये भी कहा है कि हजारों करोड़ खर्च करके अयोध्या धाम में निर्मित नए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, टाउनशिप और रोड कनेक्टिविटी के साथ ही नए होटल्स के निर्माण से यहां का परिदृश्य बदल चुका है। इससे उत्तर प्रदेश का भारत के मानचित्र पर एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में दूसरा स्थान और मजबूत होगा।
रिपोर्ट के अनुसार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ अयोध्या धाम की वार्षिक आय में भी वृद्धि होगी। अभी देश में आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी से राज्य को 1200 करोड़ रुपए की आय होती है। तिरुपति बालाजी में हर वर्ष 2.5 करोड़ श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसी तरह वैष्णो देवी में प्रतिवर्ष 80 लाख लोग जाते हैं, जहां से वहां 500 करोड़ रुपए का टूरिज्म बूस्ट मिलता है। वहीं आगरा ताज महल में 70 लाख लोगों के पहुंचने से 100 करोड़ तो आगरा फोर्ट में 30 लाख लोगों के माध्यम से 27.5 करोड़ रुपए की वार्षिक आय होती है। वेटिकन सिटी और मक्का की बात करें तो मक्का में प्रति वर्ष 2 करोड़ लोग आते हैं, जिससे सऊदी अरब को 12 बिलियन डॉलर की वार्षिक आय होती है, जबकि वेटिकन सिटी में 90 लाख लोग प्रतिवर्ष आते हैं जिनसे 315 मिलियन डॉलर की वार्षिक आय होती है।
एक अन्य अनुमान के अनुसार प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। यह संख्या जल्द ही 3 लाख श्रद्धालु प्रतिदिन हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो प्रतिवर्ष 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। अयोध्या पहुंचा प्रत्येक श्रद्धालु यदि 2500 रुपए भी खर्च करता है तो केवल अयोध्या की स्थानीय अर्थव्यवस्था में 25000 करोड़ रुपए शामिल होंगे। यह श्रद्धालु अयोध्या जाते हुए वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर एवं मथुरा में बांके बिहारी मंदिर आदि में भी दर्शन के लिए अवश्य जाएंगे। इस प्रकार, वाराणसी एवं मथुरा की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष लगभग एक लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त खुराक प्रत्यक्ष रूप से मिल सकती है। इस प्रत्यक्ष खुराक का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर लगभग 5 गुना चक्रीय असर भी हो सकता है जो अंततः भारत के आर्थिक विकास में ही जुड़ने जा रहा है। धार्मिक पर्यटन से यातायात, होटल, स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर निर्मित होते हैं। इससे भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। स्विजरलैंड, इटली, फ्रांस, अमेरिका, यूएई, आदि ने पर्यटन के बलबूते पर अतुलनीय आर्थिक विकास किया है एवं अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित श्रेणी की अर्थव्यवस्था बना दिया है। इसी प्रकार अब अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारत भी इस श्रेणी के देशों में शामिल होने जा रहा है और उसकी अर्थव्यवस्था में विकास दर 10 प्रतिशत के पार जा सकती है।