पीतमपुरा की चार मंजिला इमारत में आग लगने से तीन महिलाओं समेत कुल छह लोगों की जान चली गई। शुरुआती जांच के बाद आशंका जताई जा रही है कि हीटर या किसी अन्य उपकरण की वजह से अपर ग्राउंड फ्लोर पर पहले आग लगी। इसके बाद आग ने पहली मंजिल को चपेट में ले लिया। इन दोनों ही फ्लोर के लोग सुरक्षित निकल गए, लेकिन दूसरी और तीसरी मंजिल पर चार महिलाओं समेत कुल सात लोग फंस गए। ऊपरी मंजिलों पर मौजूद लोग चाहकर भी नहीं निकल पाए। ज्यादातर लोगों का वहीं पर दम घुट गया, जिसमें से छह की मौत हो गई।

एक की हालत नाजुक बताई जा रही है। आग पर काबू पाने के बाद अधिकारियों ने जब इमारत के बिजली के मीटर और वायरिंग की जांच की तो वह सुरक्षित पाए गए। आशंका व्यक्त की जा रही है कि अपर ग्राउंड फ्लोर पर चल रहे हीटर या किसी दूसरे सामान की वजह से आग भड़की। आग की सही वजहों का पता जांच के बाद ही चल पाएगा। पुलिस के अलावा क्राइम टीम और एफएसएल की टीम मौके से साक्ष्य जुटाने में लगी थी। पुलिस अपर ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले लोगों से पूछताछ करने का प्रयास कर रही है। हादसे के बाद सभी बुरी तरह डरे हुए हैं। दूसरी ओर बिल्डिंग में कूलिंग का काम भी जारी था। दमकल विभाग की दो गाड़ियां

वहां मौजूद थीं।

एक अधिकारी ने बताया कि हादसा पीतमपुरा के जेडपी-37 में हुआ। यहां करीब 160 गज के प्लॉट पर चार मंजिल बनी हुई हैं। ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग है, जबकि अपर ग्राउंड और पहला फ्लोर एक ही मालिक के हैं। उन्होंने दोनों फ्लैटों को डुप्लेक्स बनाया हुआ है। दूसरे और तीसरे फ्लोर पर अलग-अलग परिवार रहते हैं।

दमकल विभाग के एडीओ सीएल मीना ने बताया कि सूचना के बाद जब उनकी टीम मौके पर पहुंची तो अपर ग्राउंड और पहले फ्लोर पर आग लगी थी। सबसे पहले आग पर काबू पाने का काम शुरू हुआ। आग को दूसरी और तीसरी मंजिल पर पहुंचने से रोका गया। इसके साथ ही रेस्क्यू का काम भी शुरू हुआ।

पड़ोस की इमारत से आग वाली इमारत की छत पर पहुंचकर तीसरी मंजिल पर पहुंचा गया। वहां से तीन महिलाओं समेत चार लोगों को निकाला गया। इसके बाद दमकलकर्मी इमारत में अंदर घुस गए। दूसरी मंजिल पर फंसे तीन लोगों को निकाला गया। इनमें चार लोगों की सांसें रुकी हुई थीं जबकि तीन की सांसें चल रही थीं।