नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में करीब 2 हफ्तों से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसे रोकने को तमाम उपाय किए जा रहे हैं, बावजूद इसके हवा में कोई सुधार नहीं है। दिल्ली के प्रदूषण में 35 प्रतिशत  हिस्सेदारी पराली जलने से उठने वाले धुएं की है। दो दिनों से दिल्ली पूरी तरह गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है। दिल्ली में अभी ठंड ठीक से आई भी नहीं और दिल्ली पूरी तरह से गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है। शुक्रवार को दिल्ली का औसत एक्यूआई लेवल 504 तक पहुंच गया। यहां तक कि आनंद विहार इलाके में एक्यूआई लेवल 865 दर्ज किया गया। यह बेहद गंभीर श्रेणी में आता है। दिल्ली में खतरनाक जहरीली हवा को देखते हुए ग्रैप 3 भी लागू किया गया है। पिछले दो दिनों में जिस खतरनाक वायु प्रदूषण का दिल्ली शिकार हुई है, उसे देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को आनंद विहार बस स्टैंड पर जाकर प्रदूषण बढ़ने के कारणों का जायजा लिया। ताजा जानकारी के मुताबिक शनिवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर 1098 पहुंच गया। ग्रेप 3 के लागू होने से बीएस 3 की पेट्रोल और बीएस  4 की डीजल गाड़ियां चलने पर बैन लगा हुआ है, लेकिन आनंद विहार बस टर्मिनल में ज्यादातर बसें ऐसी थी जो बीएस  3 या बीएस  4 तकनीकि पर संचालित हो रही थीं। गोपाल राय ने आनंद विहार बस टर्मिनल में संबंधित लोगों को जमकर फटकार लगाई और उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश से यह गाड़ियां दिल्ली में आ रही हैं। जबकि दिल्ली में सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही चल सकती हैं। बीएस  3 और बीएस  4 वाहनों पर बैन है और यह बसें उत्तर प्रदेश से आनंद विहार में आकर वायु प्रदूषण में इजाफा कर रही हैं। गोपाल राय ने ट्रैफिक के अधिकारियों को भी डांटा और बीएस  3 और बीएस  4 की तमाम बसों को टर्मिनल से बाहर भेजने का आदेश दिया। उनका कहना है कि जो भी नियमों का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पिछले दो दिनों में दिल्ली में प्रदूषण के कण हवा में इस कदर घुले हैं कि विजिबिलिटी भी कम हो गई है। दिल्ली वालों का दम फिर फूलने लगा है। हवा जहरीली होने लगी है। दो दिन से दिल्ली पूरी तरह गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है। हालात इस कदर बिगड़ते जा रहे हैं कि हर घंटे हवा खराब हो रही है। दिल्ली में शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी औसत एक्यूआई का स्तर 504 पर रहा। यानी दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में है। सबसे खराब हालत आनंद विहार के हैं यहां एक्यूआई 865 तक पहुंच गया। दिल्ली में हवा की रफ्तार काफी धीमी है और प्रदूषण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में जलाई जाने वाली पराली है। पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी राज्यों, खास तौर पर पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं अचानक बढ़ गईं। 30 अक्टूबर को 1852, 31 अक्टूबर 2901 और 1 नवंबर को 2386 पराली जलाने की घटनाएं हुईं।