नई दिल्ली । दिल्ली के शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, मैं खुद दिल्ली के एक जाने माने प्राइवेट स्कूल से पढ़ी हुई हूँ लेकिन आपका स्कूल उससे कही बेहतर है| मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकती हूँ कि आज दिल्ली का बड़े से बड़ा प्राइवेट स्कूल दिल्ली सरकार के इस स्कूल को टक्कर नहीं दे सकता| हम सभी के लिए ये गर्व की बात है क्योंकि 8 साल पहले तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों का हाल बदहाल था| 2015 में जब अरविन्द केजरीवाल जी दिल्ली के मुख्यमंत्री बनें और हम जब अक्सर स्कूलों में जाते थे तो स्कूलों की हालत काफी बदहाल होती थी, दीवारें टूटी होती थी, क्लास में बेंचे नहीं होती थी, पीने का पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ नहीं होती थी| उन्होंने कहा कि, जब बच्चे ऐसे माहौल में पढ़ते थे तो कभी नहीं मानते थे कि वो देश का भविष्य है, और कहते थे कि देश का भविष्य तो वो है जो चमचमाते हुए प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते है| उनके मन में हमेशा ये शंका होती थी कि क्या मै अच्छी नौकरी ले सकूंगा, मेरा भविष्य अच्छा होगा या नहीं| लेकिन 2015 में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी ने एक संकल्प लिया कि हम दिल्ली के हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन देंगे, उसे बराबरी का अधिकार देंगे चाहे वो अमीर परिवार से आता हो या गरीब परिवार से आता हो| 
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, पिछले 8 सालों में दिल्ली में जो शिक्षा क्रांति आई है, उसमें चाहे नई शानदार स्कूल बिल्डिंग बननी हो, क्लासरूम बनना हो, चमचमाते डेस्क लगने हो, चाहे प्रिंसिपल-टीचर्स को देश विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजना हो| ऐसी कोई भी चीज नहीं है जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी ने दिल्ली के बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए न किया हो|  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी का ये संकल्प है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले और आज हम दिल्ली में इसके नतीजे भी देख रहे है। पिछले 7 साल से दिल्ली सरकार के स्कूलों के सीबीएसई 12 वीं बोर्ड के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहे है| ये केजरीवाल जी की शिक्षा क्रांति का परिणाम है| 
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, आज जहाँ पूरे देश में लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों से निकाल कर प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवा रहे है, वैसे में दिल्ली देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहाँ पेरेंट्स प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों को निकाल कर दिल्ली सरकार के स्कूलों में दाखिला दिलवा रहे है| ये केजरीवाल जी की शिक्षा क्रांति का ही परिणाम है कि पिछले कुछ सालों में 4 लाख से ज्यादा बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर दिल्ली सरकार के स्कूलों में दाखिला लिया है| 
उन्होंने कहा कि मुझे याद है 2015 में जब हमारी सरकार बनी थी तो उस समय अक्सर लोग हमारे पास आकर अपने बच्चों की प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन करवाने की सिफारिशें लेकर आते थे, लेकिन अब केजरीवाल जी की शिक्षा क्रांति का परिणाम है कि लोग अब हमारे पास आते है और कहते है कि हमारे बच्चों का स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में दाखिला करवा दो| दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में ये बहुत बड़ा बदलाव आया है| जहाँ पहले प्राइवेट स्कूलों के बाहर एडमिशन के लिए लम्बी लाइनें लगती थी,आज जब दिल्ली सरकार के डॉ. बी.आर.अम्बेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में दाखिले शुरू होते है तो 4400 सीटों के लिए 90,000 से ज्यादा आवेदन आते है| ये दिल्ली की शिक्षा क्रांति का नतीजा है| पिछले 8 सालों में दिल्ली व देश के भविष्य को संवारने की दिशा में हमने लंबा सफ़र तय किया है।
त्रिनगर की विधायक प्रीति जितेंद्र तोमर ने कहा, “इस स्कूल का उद्घाटन इस क्षेत्र के सभी लोगों के लिए बहुत गर्व की बात है। मैं केजरीवाल सरकार, शिक्षा मंत्री और दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक श्री मनीष सिसोदिया की आभारी हूं जिन्होंने क्षेत्र में विश्व स्तरीय स्कूल के लोगों के सपने को हकीकत में बदल दिया। यह स्कूल इस क्षेत्र के बच्चों के लिए उज्जवल भविष्य की राह बनेगा।”

- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, कोहाट एन्क्लेव में मौजूद सुविधाएं
-> 9 शानदार लैब्स
-> 2 वर्ल्ड क्लास लाइब्रेरी
-> ऑफिस
-> स्टाफ रूम
-> एक्टिविटी रूम
-> बास्केटबॉल और वॉलीबॉल के लिए अत्याधुनिक कोर्ट
-> हर मंजिल पर टॉयलेट ब्लॉक,
-> लिफ्ट
-> मल्टी-पर्पज एसी हॉल