एम्स की पुराने राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी बिल्डिंग में सोमवार सुबह लगी आग के बाद अफरातफरी मच गई। सुबह करीब साढ़े 11 बजे दूसरी मंजिल पर स्थित गैस्टो-एंटरोलॉजी विभाग के एंडोस्कोपी यूनिट से धुआं निकलता देखा गया। कुछ ही देर में आग तेज हो गई। घटना के दौरान यूनिट में 150 के करीब मरीज भर्ती थे। धुआं निकलता देख मरीज चिल्लाने लगे। तीमारदारों व स्वास्थ्य कर्मियों ने भी चिल्लाना शुरू कर दिया। लोगों की आवाज सुनकर बिल्डिंग के नीचे भारी भीड़ जुट गई। उसी दौरान दमकल विभाग को फोन कर दिया गया। यूनिट में धुआं भरता देख प्रोफेसर से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने यूनिट में भर्ती मरीजों को शिफ्ट करना शुरू किया। दूसरे तल पर मौजूद एबी 2 वार्ड से 31 मरीजों को तुरंत अलग-अलग वार्ड और आईसीयू में भेजा गया। इन मरीजों को देखते हुए कुछ अन्य वार्ड में भर्ती स्थिर मरीजों की छुट्टी करनी पड़ी। अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती 40 से अधिक मरीजों को सफदरजंग, जीबी पंत सहित अन्य अस्पतालों में भेजा गया। डॉक्टरों ने बताया कि आग लगने के बाद स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। कई ऐसे मरीज थे जिन्हें ऑक्सीजन देनी थी, ऐसे में डॉक्टर मरीजों के साथ उनके लिए ऑक्सीजन का सिलिंडर भी लेकर दौड़ रहे थे, जबकि कई मरीजों की हालत खराब हुई तो सड़क पर ही मरीजों का उपचार करना पड़ा। करीब एक से डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद सभी मरीजों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जा सका। घटना के बाद में एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजीव लालवानी ने बताया कि सुबह करीब 11:35 बजे सुरक्षा एवं अग्निशमन नियंत्रण कक्ष को सूचना दी गई। आग लगने की जगह की पुष्टि होने के बाद अग्निशमन दल को सतर्क कर दिया गया। साथ ही सुरक्षा को देखते हुए बिजली की आपूर्ति व अन्य को बंद किया गया और आग बुझाने लगे। मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए आपातकालीन योजना बनाकर एबी-2 वार्ड में भर्ती 31 मरीजों को आईसीयू में और एबी-7 वार्ड में भर्ती 70 मरीजों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने/चोट की सूचना नहीं मिली। प्रशासन चिकित्सा सेवाओं को जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लाने के लिए प्रयास कर रहा है।

आग बुझाने में जुटे तीमारदार

यूनिट में लगी आग के बाद डॉक्टरों के साथ तीमारदार भी जुटे रहे। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि मरीजों को शिफ्ट करने के साथ डॉक्टर व अन्य भी आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें देख यूनिट के बाहर खड़े तीमारदार भी मदद के लिए आ गए। सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर दमकल की 13 गाड़ियां भी पहुंच गई थीं और दोपहर करीब एक बजे आग पर काबू पा लिया। घटनास्थल वाली जगह तलाशी अभियान चलाया गया। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया। एम्स प्रबंधन ने बताया कि आग बुझाने के लिए अस्पताल के भूमिगत टैंक के पानी का भी इस्तेमाल किया गया।

पहले भी लग चुकी है आग

इससे पहले जून 2021 को एम्स में आग लगने से अफरातफरी मच गई थी। एम्स के गेट नंबर 2 के करीब कन्वर्जन ब्लॉक की नौवीं मंजिल में रात करीब दस बजे आग लगी थी। उस समय आग बुझाने के लिए 26 से ज्यादा गाड़ियों ने देर रात आग बुझाने का काम किया था।