भोपाल । प्रदेश के  विदिशा जिले की सिरोंज तहसील के कजरी बरखेड़ा गांव में बोरवेल में गिरी मासूम बच्ची अस्मिता को रेस्क्यू के बाद बाहर तो निकाल लिया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मासूम ने बोरवेल से निकाले जाने के पूर्व ही दम तोड़ दिया था। बच्ची 25 फीट पर फंसी थी जहां चौड़ाई मात्र पौन फीट थी। चिकित्सकों ने बताया है कि गिरने के साढ़े तीन घंटे के अंदर ही उसकी मृत्यु हो गई थी। बच्ची का सीना पिचका हुआ था। प्रारंभिक तौर पर मौत का कारण दम घुटना बताया जा रहा है। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को होगा। जिले में चार माह के भीतर यह दूसरी घटना है, जिसमें खुले बोरवेल में गिरकर बच्ची की मौत हुई है। इसके पहले लटेरी तहसील के गांव खेरखेड़ी पठार में 43 फीट गहरे बोरवेल में गिरने से सात वर्षीय लोकेश अहिरवार की मौत हो गई थी। कूलन निवासी इंदर सिंह बड़ी बेटी अस्मिता का मंगलवार को ही दूसरा जन्मदिवस था। मां करिश्मा अस्मिता और छह माह की दूसरी बेटी को लेकर दो दिन पूर्व ही अपने पिता पप्पू अहिरवार के घर कजरी बरखेड़ा गई थी। नाना के घर शाम को बिटिया का जन्मदिन मनाने की तैयारी थी। पप्पू अहिरवार द्वारा घर के आंगन में ही पानी के लिए बोरवेल खोदवाया जा रहा था। बोरवेल के गड्ढे पर कोई ढक्कन नहीं होने के कारण मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे खेलने के दौरान अस्मिता गड ढे में जा गिरी और करीब 25 फीट पर जाकर फंस गई। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम हर्षल चौधरी प्रशासनिक अमले के साथ पहुंचे और 11 बजे से बचाव कार्य शुरू कर दिया। प्रशासन ने बोरवेल में आक्सीजन की व्यवस्था की और एसडीआरएफ की टीम ने बुलडोजर से घर के सामने बने एक कच्चे मकान को गिराया और फिर बोरवेल के समानांतर गड्ढे की खोदाई शुरू की। साढ़े चार बजे एनडीआरएफ भोपाल की टीम गांव पहुंची और दो घंटे में करीब पांच फीट गहरी सुरंग बनाकर बच्ची को बाहर निकाला। कपड़े में लपटेकर बच्ची को सिरोंज अस्पताल ले जाया गया। जहां परीक्षण के दो घंटे बाद रात आठ अस्मिता को मृत घोषित किया गया। प्रभारी कलेक्टर डा. योगेश भरसट ने कहा कि प्रशासन की पूरी टीम ने बच्ची को बचाने के भरसक प्रयास किए, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। बच्ची को सकुशल बाहर निकालने के लिए बगल में खोदाई की गई थी। वर्षा के कारण परेशानी भी आई । गड्ढे में आक्सीजन भी पहुंचाई गई थी।