भोपाल  ।   ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कोकता आवासीय परिसर में नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना और हाउसिंग फार आल के तहत 2800 से अधिक फ्लैट का निर्माण कराया गया है। इनमें इडब्ल्यूएस, एलआइजी और एमआइजी फ्लैट शामिल हैं। हितग्राहियों को इन सभी आवासों का आवंटन भी कर दिया गया है। हर महीने रहवासी मेटेनेंस शुल्क भी चुका रहे हैं। इसके बावजूद रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसका कारण नगर निगम द्वारा कोकता आवासीय परिसर में सफाई और सुरक्षा का काम संभाल रही हाउस कीपिंग कंपनी का 12 लाख रुपये भुगतान रोकना है। इधर बिजली कंपनी ने भी आठ लाख रुपये का भुगतान होने पर सोसायटी का कनेक्शन काट दिया है। जिससे रात में पूरी साेसायटी में अंधेरा रहता है। रहवासी पवन अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम द्वारा कोकता आवासीय परिसर की सफाई और सुरक्षा का जिम्मा सेंगर सिक्योरिटी कंपनी को सौंपा गया है। अब तक यहां 40 सफाई कर्मचारी और 24 सुरक्षाकर्मी काम कर रहे थे। लेकिन नगर निगम द्वारा ठेका कंपनी का भुगतान नहीं होने से कर्मचारियों को बीते तीन माह का वेतन नहीं मिला है। ऐसे में ठेकेदार के कर्मचारियों ने काम पर आना बंद कर दिया है। बीते 15 दिन से न तो घरों से कचरा उठाया जा रहा है और ना ही यहां सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। ऐसे में रहवासी खुले में कचरा फेंक रहे हैं। वहीं सुरक्षा कर्मियों के नहीं होने से सोसायटी में चोरियां भी बढ़ गई हैं।

छठवीं मंजिल तक सीढ़ियों से पहुंच रहे रहवासी

कोकता आवासीय परिसर में 60 से अधिक छह मंजिला इमारत बनाई गई है। हर इमारत में रहवासियों की सुविधा के लिए दो लिफ्ट लगाई गई है।लेकिन बिजली का बिल नहीं चुकाने से लिफ्ट का कनेक्शन भी बंद हैै। रहवासियों को छठवीं मंजिल तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

ठेकेदार का बढ़ाया टेंडर, फिर भी काम छोड़कर भागा

बता दें कि ठेका कंपनी द्वारा यहां सफाई और सुरक्षा के काम में लापरवाही बरतने की शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की गई थी। इसके बावजूद संबंधित कंपनी का टेंडर एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया। जबकि कंपनी समय से पहले ही काम छोड़कर भाग गई। अब रहवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे हैं।

इनका कहना

रहवासियों द्वारा मेंटेनेंस शुल्क का भुगतान नहीं करने से ठेकेदार का पेमेंट नहीं किया गया है। इस मामले में नगर निगम अधिकारी ठेकेदार और रहवासियों के बीच समन्वय का प्रयास कर रहे हैं। जिससे रहवासियों की समस्या का समाधान हो सके।

- केवीएस चौधरी, आयुक्त नगर निगम