नई दिल्ली। राजधानी के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के व्यक्तिगत कौशल को विकसित करने और उनकी रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अब स्कूलों में कठपुतली कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।शिक्षा निदेशालय, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और अपने शैक्षिक भागीदार डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और पर्यावरण शिक्षा केंद्र के सहयोग से चयनित 30 विजेता स्कूलों के शिक्षकों को उनकी रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मंच दिया जाएगा।

निदेशालय के अधिकारी ने बताया कि तीन दिवसीय ये कार्यशाला छह जून से आठ जून 2023 तक लाजपत नगर स्थित शहीद हेमू कलानी राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय में लगेंगी।उन्होंने कहा कि कला, पेंटिंग, और सुई कार्य कर के एक से बढ़कर एक कठपुतली बनाई जाती है और कठपुतली के खेल में कोई न कोई सार्थक संदेश दिया जाता है। इसका उपयोग सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के साथ-साथ कहानी कहने और भाषा शिक्षण के लिए जानकारी देने के लिए भी किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में शिक्षकों को दस्ताना कठपुतली बनाकर, पर्यावरण के अनुकूल अपशिष्ट सामग्री का पुनर्नवीनीकरण करके कठपुतली तैयार करके छात्रों को कठपुतली का खेल दिखाना और प्लास्टिक व अन्य संबंधित विषयों पर जागरूकता पैदा करना है।