बिजनौर। एनआइए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की गोलियां बरसाकर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने आरोपित मुनीर और रैय्यान को फांसी की सजा और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 2016 में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। तंजील अहमद पठानकोट आतंकी हमले की जांच टीम का हिस्सा थे। गत दिवस अदालत ने तीन आरोपितों को केस से बरी कर दिया था, जबकि मुनीर और उसके साथी रैय्यान को दोष करार दिया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुनहगारों को कोर्ट लाया गया था।
मामला अप्रैल 2016 का है. एनआईए के DSP तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की दो अप्रैल की रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वे परिवार के साथ पैतृक गांव बिजनौर के सहसपुर में एक शादी समारोह से लौट रहे थे.

इस दौरान मुख्य आरोपी मुनीर और उसके साथियों ने पहले कार को रुकवाया. फिर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थी. इसमें NIA अफसर तंजील अहमद की मौके पर मौत हो गई थी. वहीं, उनकी पत्नी फरजाना ने मुरादाबाद के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. दोनों बच्चों 8 साल की शहबाज और 10 साल की जिमनिस ने सीट के नीचे घुसकर अपनी जान बचाई थी. इस मामले को लेकर देशभर में बवाल मचा था कि एनआईए अफसर की हत्या आतंकियों द्वारा की गई है. लेकिन जब पुलिस ने मामले में खुलासा किया तो आरोपी मुनीर जो एनआईए अफसर तंजील अहमद के मोहल्ले का ही रहने वाला था. वह इस डबल मर्डर केस में आरोपी पाया गया, जिसने अपने चार साथियों के साथ मिलकर तंजील अहमद की हत्या की थी.