भोपाल ।     जहांगीराबाद स्थित सेंट फा्रंसिस केथेड्रल में स्वर्गीय आर्चबिशप श्रद्धेय यूजीन डीसूजा की 20वी पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर विशेष प्रार्थना सभा आयोजित हुई। भोपाल महाधर्मपं्रात के आर्चबिशप दुरईराज ने पुरोहितों, धर्मबहनों व ईसाई विश्वासियों के साथ भूतपूर्व स्वर्गीय आर्चबिशप श्रद्धेय यूजीन डीसूजा को उनकी 20वी पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर यहां सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी चर्च, जहांगीराबाद में आत्मीयता के साथ याद करते हुए श्रद्धांजली आर्पित किया।  उनकी स्मृति में आयेजित प्रार्थना के दौरान आर्चबिशप दुरईराज ने कहा कि श्रद्धेय यूजीन डिसूजा जी एक जनप्रिय व्यक्ति थे। उन्होने भोपाल आर्चडायसिस को स्थापित करने में अपना अहम योगदान दिया।  आर्चबिशप ने लोगों से स्व. यूजीन के कार्यो का उदाहरण देते हुए लोगों से बिना प्रतिफल की आशा के अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह करते रहने को कहा। उन्होने कहा कि कि चर्च केवल एक इमारत नहीं बल्कि समुदाय के बीच जुड़ाव का जरिया है।

स्वर्गीय आर्चबिशप श्रद्धेय यूजीन डिसूजा का जन्म 15 नवम्बर 1917 को हुआ था। सन् 1963 में वे नागपुर से स्थानांतरित होकर भोपाल महाधर्मप्रांत के प्रथम आर्चबिशप बने। आर्चबिशप का पद संभालने के साथ उन्होने ईसाईयों को संगठित किया विभिन्न संस्थाओें, चर्चों के गठन के साथ कई कल्याणकारी योजनाओं को आरंभ किया और महाधर्मप्रांत को विस्तारित करने में अपना अमूल्य योगदान दिया। उनका निधन 18 मार्च 2003 को संत जोसफ पर्व के एक दिन पूर्व हुआ था।  जनसंर्पक अधिकारी फादर मारिया स्टीफन ने कहा कि स्वर्गीय आर्चबिशप अब भी भोपाल वासियों के दिलों में जीवित हैं। अपने निःस्वार्थ सेवा भावना और सभी के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार के कारण वे आमजन में लोकप्रिय थे। उनके सरल और हंसमुख स्वाभाव के लिये आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। इस विशेष प्रार्थना सभा की शुरूआत में स्व. युजीन के जीवन पर प्रकाश डाला गया।  अंतिम प्रार्थना के बाद आर्चबिशप दुरईराज ने दिवंगत आर्चबिशप यूजीन की कब्र पर पवित्र जल छिड़कर आशीषित किया। चर्च के फा. दिलीप मिंज ने दिवंगत आत्मा के पुण्य स्मरण पर प्रार्थना के लिये आये लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।