भोपाल । मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मी दिनोंदिन तेज होती जा रही है। बीते दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के बाद सतना की रैगांव विधानसभा से पूर्व विधायक नेत्री ऊषा चौधरी ने भाजपा की सदस्यता ले ली। अब इससे सियासी पारा चढ़ रहा है। उनके आने से एक तरफ भाजपा फायदे में दिख रही है तो दूसरी तरफ यहां से टिकट के दावेदार चिंतित नजर आने लगे हैं।
बता दें कि सतना जिले की रैगांव रिजर्व विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर विधायक रह चुकीं कांग्रेस नेत्री ऊषा चौधरी ने कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़ दिया है। पूर्व विधायक ऊषा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हाथों रविवार को भोपाल में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। हालांकि भाजपा और भाजपाइयों के साथ ऊषा चौधरी की निकटता पिछले काफी समय से न केवल चर्चा का हिस्सा बनती रही हैं बल्कि कई बार उनके भाजपा में जाने के कयासों की वजह भी बने हैं। कभी सीएम शिवराज से उनकी मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरू हुआ तो पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सतना प्रवास के दौरान उनके विश्राम स्थल के पास उनकी मौजूदगी भी सुर्खियों में रही। हालांकि तब उन्होंने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन अब शाह के सतना दौरे के ठीक एक महीने के बाद ऊषा ने नड्डा से सदस्यता लेकर अपने पाला बदलने की चर्चाओं पर मुहर लगा दी है।

रैगांव में सियासी गर्माहट बढ़ी
चुनावी वर्ष में पूर्व विधायक उषा चौधरी के भाजपाई हो जाने के बाद अब सतना के रिजर्व रैगांव विधानसभा क्षेत्र में सियासी गर्माहट बढ़ गई है। भाजपा का गढ़ रही इस सीट पर वर्ष 2013 में ऊषा चौधरी ने पूर्व मंत्री एवं दिवंगत विधायक जुगुल किशोर बागरी के पुत्र एवं जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष पुष्पराज बागरी को लगभग 5 हजार वोटों से हराया था। ऊषा ने यह सीट भाजपा से छीन कर बसपा की झोली में डाली थी। हालांकि वे इस पर बसपा और अपना कब्जा बरकरार नहीं रख सकीं और वर्ष 2018 के चुनाव में न केवल जुगुल किशोर बागरी ने यह सीट वापस छीन ली बल्कि बसपा की ऊषा को तीसरे नंबर पर फिसल गईं।

दावेदारों की संख्या और घमासान दोनों ही बढ़ा
अब ऊषा के भाजपा में आ जाने से रैगांव सीट के लिए टिकट के भाजपाई दावेदारों की संख्या और घमासान दोनों ही बढ़ गया है। दिवंगत विधायक जुगुल किशोर बागरी के ज्येष्ठ पुत्र पुष्पराज बागरी और छोटी पुत्र वधु वंदना देवराज बागरी तो दावेदार थे ही,भाजपा की जिला महामंत्री प्रतिमा बागरी तो उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ही रह चुकी हैं। अब दावेदारों की फेहरिश्त में ऊषा चौधरी का नाम भी शामिल हो गया है। गौरतलब है कि जिले के इकलौते आरक्षित रैगांव विधानसभा क्षेत्र में एससी वर्ग के मतदाताओं की संख्या अधिक है। कांग्रेस से यहां की मौजूदा विधायक कल्पना वर्मा और कांग्रेस छोड़ भाजपा में आई ऊषा चौधरी भी इसी वर्ग से आती हैं।