दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला इस समय तिहाड़ जेल के सेल नंबर- 4 में बंद है। आफताब का अब तक तीन बार पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है। आज चौथी बार फिर से पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। हालांकि उससे पहले इस हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी जानकारी मिल रही है। सूत्र बताते हैं कि श्रद्धा की हत्या करने में आफताब का साथ एक व्यक्ति ने दिया था। पुलिस को शक है कि इसी व्यक्ति ने सबूत मिटाने में भी आफताब की मदद की थी। पुलिस जल्द ही इस बारे में बड़ा खुलासा कर सकती है।

दिल्ली के रोहिणी स्थित एफएसएल में आज फिर से आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। हालांकि पहले तीन टेस्ट में आफताब चमका देने में कामयाब रहा। श्रद्धा की हत्या को लेकर उसने बहुत कुछ जानकारी नहीं दी। आफताब कई सवालों पर चुप्पी साधे रहा। कई सवाल तो टाल गया। कई सवालों के आधे-अधूरे जवाब दिए। यही नहीं कई सवालों पर तो वह मुस्कुराता रहा। आज पुलिस बचे हुए सवालों के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी। पीटीआई के मुताबिक, अभी तक आफताब से 40 सवाल पूछे जा चुके हैं। करीब 70 सवाल अभी पूछे जाने हैं। सभी टेस्ट पूरे होने के बाद 5 दिसंबर को नार्को टेस्ट होगा।

पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती सबूतों की तलाश है। अभी तक पुलिस को इस हत्याकांड से जुड़े कुछ अहम सुराग नहीं मिल पाए हैं। श्रद्धा का सिर, वो आरी जिससे आफताब ने श्रदधा का कत्ल किया था, श्रद्धा के कपड़े, जो कत्ल के समय उसने पहने थे और श्रद्धा का मोबाइल फोन। सूत्र बताते हैं कि आफताब ने मुंबई में भायंदर की खाड़ी में श्रद्धा का मोबाइल फेंका था, जिसका मिलना नामुमकिन नजर आ रहा है। पुलिस मोबाइल की तलाश में जुटी थी, लेकिन अब तलाशी अभियान को रोक दिया गया है।

14 दिन पुलिस रिमांड पर रहने के बाद अब आफताब तिहाड़ जेल पहुंच चुका है। तिहाड़ के सेल नंबर-4 में उसे अकेला रखा गया है। इसे सेपरेट सेल कहा जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से आफताब की सेल के बाहर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। पुलिस की देख-रेख में ही उसे खाना दिया जाता है। सीसीटीवी कैमरे से उस पर निगरानी रखी जाती है।

श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब के फ्लैट पर आने वाली लड़की से भी पुलिस ने पूछताछ की है। श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने एक डॉक्टर को डेट किया था। बताया जा रहा है कि यह डॉक्टर साइकोलॉजिस्ट है। आफताब डेटिंग ऐप बम्बल के जरिए उस डॉक्टर से मिला और उसे तब अपने घर बुलाया था, जब श्रद्धा के शव के टुकड़े फ्रिज में ही रखे थे।