हरियाणा में अप्रैल माह में बिजली की मांग 30 फीसदी बढ़ी है। घरेलू बिजली की मांग पूरी करने के लिए सरकार ने उद्योगों में कट लगाने शुरू कर दिए हैं। तीन से चार घंटे बिजली कटौती से उद्योगपतियों की परेशानी बढ़ गई है। कारोबार प्रभावित होने लगा है। अप्रैल में औसतन 6 हजार मेगावाट तक बिजली की मांग रहती थी। इस बार 7 से 8 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। दिन प्रतिदिन यह मांग और बढ़ रही है। करीब 1500 मेगावाट के अंतर को पाटने के लिए उद्योगों पर तीन से चार घंटे के कट लगाने शुरू कर दिए हैं। समस्या के समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है। तमाम कोशिशों के बावजूद बिजली नहीं मिल पाने पर अब मौसम से राहत की उम्मीद है। 

उद्योगों में बिजली कट से गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, सोनीपत, हिसार और रोहतक समेत औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन पर प्रभाव पड़ रहा है। मजबूरी में जेनरेटर चलाने पड़ रहे हैं। बिजली विभाग के अनुसार इस समय उद्योगों को 365 लाख यूनिट बिजली सप्लाई दी जा रही है। घरेलू उपभोक्ताओं को 419 लाख यूनिट और शहरी को 542 लाख यूनिट बिजली आपूर्ति की जा रही है। पिछले साल के मुकाबले घरेलू बिजली उपभोक्ताओं और उद्योगों की संख्या बढ़ी है। साथ ही जगमग योजना के तहत गांवों में 24 घंटे सप्लाई दी जा रही है। दूसरा गर्मी अधिक होने के कारण समय से पहले बिजली की अधिक मांग हो गई है। इस वजह से बिजली किल्लत है।