दिल्ली| निगम ने दिल्ली सरकार की अनुमति से खास तौर से बजट पास कराने के लिए ये बैठक बुलाई है। सिविक सेंटर के सूत्रों के मुताबिक, शनिवार शाम को मेयर ने इस बजट के आखिरी स्वरूप पर मुहर लगा दी है। अब कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों के साथ बस इसे पास होना है।

चुनाव के बाद 28 मार्च को पहली बार एमसीडी का बजट पेश होगा। बैठक में नेता सदन से नेता प्रतिपक्ष बजट पर चर्चा करेंगे। इसमें 2022-23 के संशोधित बजट और 2023-24 के अनुमानित बजट पास होगा। लेकिन इस बैठक में पक्ष विपक्ष के बीच हंगामा होने की पूरी संभावना है। क्योंकि सत्ता पक्ष आप पार्टी इस बैठक में चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव लेकर आ रही है, जिसकी पार्टी की तरफ से देर शाम घोषणा की गई है, जबकि विपक्षी दल भाजपा के पार्षदों ने आरोप लगाया है कि एमसीडी बजट पर उनके सुझाव नहीं लिए गए।

चुनाव के नतीजे आने के बाद निगम की सदन की पहली बैठक लगातार हंगामे के कारण ही अधूरी रही है। इसमें मेयर के चुनाव तो हो पाए, लेकिन स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। मेयर ने इस पहली बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। मौजूदा समय स्थायी समिति चुनाव का मामला दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है। लेकिन निगम ने दिल्ली सरकार की अनुमति से खास तौर से बजट पास कराने के लिए ये बैठक बुलाई है। सिविक सेंटर के सूत्रों के मुताबिक, शनिवार शाम को मेयर ने इस बजट के आखिरी स्वरूप पर मुहर लगा दी है। अब कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों के साथ बस इसे पास होना है।

पक्ष ने विपक्ष से मांगा समर्थन

एमसीडी की सत्ता में आई आप पार्टी इस बैठक में चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश करेगी। ज्यूडीशियल कमेटी में व्यापारियों के पक्ष में बात रखने, कनवर्जन चार्ज वसूलने के लिए कोई नया नोटिस नहीं भेजने, कनवर्जन चार्ज के भेजे गए नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने और लोकल शॉपिंग सेंटर को निगम द्वारा कोई नया नोटिस नहीं भेजने का प्रस्ताव सत्ता पक्ष पेश करेगा। आप पार्टी ने भाजपा से इसपर समर्थन देने की अपील भी की है।
बजट पास होने में डीएमसी एक्ट के टूटे नियम
डीएमसी एक्ट 1957 के मुताबिक निगम बजट की प्रक्रिया नवम्बर से शुरू हो जाती है। स्थायी समितियों, क्षेत्रीय वार्ड समितियों से चर्चा के बाद बजट प्रस्तावों को सदन में चर्चा के लिए लाया जाता है। लेकिन इस बार निगम में चुनी हुई सरकार नहीं थी, इसलिए डीएमसी एक्ट के नियम धरे रह गए। इसबार के बजट प्रस्तावों को निगम अधिकारियों ने ही तैयार किया है। मंगलवार को इस बजट को सदन में औपचारिक रूप से पास होना है।

बजट से पहले निगम सचिव को सेवानिवृत्ति

बजट से एक दिन पहले निगम सचिव भगवान सिंह को सेवानिवृत्ति दे दी गई। स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के दौरान भगवान सिंह भाजपा और आप पार्टी के बीच विवादों में घिर गए थे। उन्होंने चुनाव को शांतिपूर्वक पूरा कराने का कई असफल प्रयास किया। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी ने तो उन्हें भाजपा का एजेंट तक करार दे दिया था। जून तक वो एक्सटेंशन पर काम कर रहे थे, लेकिन निगमायुक्त ने सोमवार को ही उन्हें सेवानिवृत्ति दे दी। सिविक सेंटर सूत्रों की मानें तो मेयर शैली ओबरॉय नहीं चाहती थीं, कि बजट मीटिंग के दौरान भगवान सिंह फिर से उनके बगल की कुर्सी पर बैठें, बैठक में आप पार्टी ने उन्हें हटाने का प्रस्ताव भी लाने की तैयारी की थी।

नए निगम सचिव के नाम की घोषणा होना बाकी

नए निगम सचिव के नाम की घोषणा होना अभी बाकी है। मौजूदा समय शिवा प्रसाद केवी, ओएसडी मेयर, राकेश कुमार, संयुक्त कर निर्धारक या प्रवीण कुमार सचान एडीसी हेडक्वार्टर के नाम की सिविक सेंटर में चर्चा है। बजट मीटिंग से पहले नए सचिव के नाम की घोषणा होने की संभावना है।

अप्रैल के आखिरी हफ्ते में होगा नए मेयर का चुनाव

अप्रैल के आखिरी हफ्ते में नए मेयर का चुनाव होने की पूरी संभावना है। लेकिन स्थायी समिति का चुनाव कबतक होगा इसपर अभी भी असमंजस की स्थिति है। ये मामला कोर्ट में है और 24 अप्रैल को इसपर सुनवाई होनी है। अब कोर्ट के फैसले के बाद ही इसपर कोई निर्णय हो सकता है। बिना स्थायी समिति गठन के आगामी वित्त वर्ष में भी एमसीडी का अधूरा स्वरूप ही मिलेगा। लेकिन इस तरह से दिल्ली वासियों का सीधा नुकसान है। क्योंकि बिना स्थायी समिति के निगम के वित्तीय व नीतिगत फैसले नहीं हो पाएंगे।