जयपुर । कोरोना की तीसरी लहर के बीच फरवरी के पहले सपताह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान का बजट सत्र पेश करने वाले है बजट सत्र में खास किसानों का अलग बजट पेश तो होगा ही फ्लोर मैनेजमेंट काफी बदला सा नजर आयेगा उपचुनाव में जीते विधायक, पहली बार विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होंगे कृषि बजट पृथक से पेश होगा। उपचुनाव धारियावाद और वल्लभनगर में पार्टी को मिली भारी जीत का भी उत्साह दिखेगा पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, डॉ. रधु शर्मा, हरीश चौधरी सदन में विधायक के तौर पर मौजूद होंगे। उनकी जगह नये बनाये गए मंत्री दिखेंगे  तो विधायक रहे महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, हेमाराम चौधरी, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामलाल जाट,गोविंद मेघवाल,शकुंतला रावत, बृजेंद्र ओला, मुरारी लाल मीणा, राजेंद्र सिंह गुढ़ा और जाहिदा नए मंत्री के तौर पर दिखेंगे उधर ममता भूपेश, टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव दिखेंगे कैबिनेट मंत्री के तौर पर. डॉ जितेंद्र सिंह, संयम लोढ़ा, राजकुमार शर्मा, बाबू लाल नागर, रामकेश मीना और दानिश अबरार नजर आएंगे मुख्यमंत्री के सलाहकार की नई भूमिका में नजर आयेगे इसके साथ ही तीसरी बार कोरोना काल के नियमो की अनुपालाना की झलक नजर आयेगी।
पहली बार अलग से पेश होगा किसान बजट :- 9 फरवरी में शुरू हो रहे विधानसभा बजट सत्र में इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों की समस्याओं को लेकर अलग से बजट पेश करेंगे इसके लिए सरकार के 9 विभागों को पूरी तैयारी करने के लिए लगाया गया है। सनद् रहे कि राजस्थान विधानसभा के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब किसानों का बजट अलग से पेश किया जायेगा। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया किसानों और संबंधित विभागों से संवाद करके इसे अंतिम रूप देने की तैयारियों में जुटे है पिछले साल के राज्य बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलग से कृषि बजट जारी करने का ऐलान किया था. उसके बाद से ही संबंधित सभी विभाग इसकी तैयारियों में जुट गए थे. वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा कहिट हैं कि कृषि बजट में कृषि और संबंद्ध क्षेत्रों की गतिविधियों के साथ ही किसानों के कल्याण से संबंधित व्यय को संकलित कर प्रदर्शित किया जाएगा इस बार कृषि बजट में शामिल होने वाले किसान संबंधित विभागों में कृषि, कृषि विपणन, उद्यानिकी, पशुपालन, जल संसाधन, गोपालन, डेयरी, मत्स्य और सहकारिता विभाग शामिल है इन सभी नौ विभागों की गतिविधियां कृषि और संबंद्ध क्षेत्रों से ताल्लुकात रखती है. इन सभी विभागों के समस्त व्यय को कृषि बजट में शामिल किया जाएगा इसमें योजनागत और प्रतिबद्ध व्यय शामिल है. इसके अतिरिक्त अन्य विभागों की ओर से भी किसानों के कल्याण और कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए व्यय किया जाता है ऊर्जा विभाग की तरफ से विद्युत दरें नहीं बढ़ाने के लिए अनुदान भी पूरी तरह किसानों के कल्याण से संबंधित है. ऐसे विभागों द्वारा कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों और किसानों के कल्याण से संबंधित खर्च को चिन्हित कर इसकी सूचना कृषि बजट में दर्शाई जाएगी।