स्थानीय रेलवे स्टेशन से बिना रुके गुजरने वाली 15667 गांधीधाम-कामख्या एक्सप्रेस से कूदने के कारण एक अधेड़ महिला की मौत हो गई, वहीं बेटी की हालत गंभीर है। महिला बक्सर से इस ट्रेन पर सवार हुई थी और अपनी बेटी को साथ लेकर उसे स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा दिलवाने डुमरांव आ रही थी।

जानकारी के अभाव में दोनों ऐसी ट्रेन पर सवार हो गई, जो डुमरांव में रुकती ही नहीं है। यह ट्रेन बक्सर से सीधे आरा में रुकती है। जब ट्रेन यहां नहीं रुकी, तो मां-बेटी प्लेटफार्म पर कूद गईं। इस दौरान दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गईं।

रेलयात्री कल्याण समिति के राजीव रंजन सिंह तथा अन्य लोगों के सहयोग से दोनों को तत्काल अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया। यहां डाक्टर ने जांच करने के बाद माता सविता देवी (उम्र 50 वर्ष) को मृत घोषित कर दिया। वहीं गंभीर रूप से घायल बेटी रिया कुमारी (उम्र 21 वर्ष) को बेहतर इलाज के लिए बनारस ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।

मृत महिला सिमरी थाना क्षेत्र के रमधनपुर गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी है। महिला के पति पेशे से शिक्षक हैं। जानकारी के अनुसार, महिला का परिवार फिलहाल बक्सर की मित्रलोक कालोनी में रहता है। उनकी बेटी रिया कुमारी डुमरांव में सुमित्रा महिला महाविद्यालय की छात्रा हैं। स्नातक परीक्षा के लिए डुमरांव के ही डीके कालेज में उनका परीक्षा केंद्र है।

सोमवार को उनका आखिरी पेपर था। बक्सर में इनका घर रेलवे स्टेशन के नजदीक ही है। दोनों मां-बेटी डुमरांव में रुकने वाली मगध एक्सप्रेस से निकली थीं। दोनों जब रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं, तो यहां डाउन लाइन के प्लेटफार्म पर गांधीधाम-कामख्या एक्सप्रेस आ चुकी थी। हड़बड़ी में उसे ही मगध एक्सप्रेस समझकर दोनों ट्रेन में सवार हो गईं थी।

परीक्षा छूटने के डर ने ली जान

डुमरांव में प्लेटफार्म से गुजरते वक्त यह ट्रेन थोड़ी धीमी हुई, तो दोनों उतरने के लिए गेट के पास आ गईं। लेकिन, जब उन्हें लगा कि ट्रेन यहां नहीं रुकेगी तो तो दोनों घबरा गईं। इसलिए घबराहट में दोनों चलती ट्रेन से ही कूद गईं। इस दौरान मां सविता देवी के सिर में गंभीर चोट आई और मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बेटी रिया कुमारी के हाथ पैर में फ्रैक्चर हो गया है।