ग्वालियर ।  एक-एक दिन गुजरने के साथ विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। साथ ही नेताओं की शब्द एक दूसरे के प्रति तल्ख हो रहे हैं। जुबां भी बिगड़ रही है। चुनाव से पहले ही प्रदेश की राजनीति में नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरु हो गई है। इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलकर कर दी है। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि ग्वालियर-अंचल में जो विकास की भागीरथी बह रही है, उसके बाद कांग्रेस के पास बोलने के लिए कुछ बचा नहीं है।

महंगाई और बेरोजगारी मुद्दे को कांग्रेस ने उठाने का प्रयास किया, लेकिन जनता ने उन्हें पहले ही नकार दिया। इसलिए कांग्रेस व्यक्तिगत हमलों पर उतर आई। दूसरी तरफ कांग्रेसियों का मानना है कि भाजपा महंगाई, बेरोजगारी और देश बेचने जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान बांटने के लिये इस तरह का अनर्गल बयान दे रही है। यह कहना गलत है कि दिग्विजय सिंह ने सिंधिया का राग छेड़ा। कांग्रेस तो उसका जवाब दे रही है। दोनों ही दलों के नेताओं का मानना है कि छह माह बाद फैसला मतदातओं को करना है। हाथ से हाथ जोड़ें अभियान बेअसर हुआ तो बेरोजगारी का मुद्दा: भाजपा के विकास यात्रा के जवाब में कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोड़ों अभियान शुरु किया। इस अभियान के तहत प्रदेश सरकार की नाकामियों के साथ महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को जनता के बीच ले जाना था। वार्डों में कांग्रेसियों ने जनसंपर्क भी किया। महंगाई व बेरोजगारी के मुद्दों पर प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना कांग्रेस को भारी पड़ती नजर आई। हालांकि कांग्रेस ने बगैर किसी शर्त के प्रदेश की प्रत्येक महिला को एक हजार रुपये की बजाये डेढ़ हजार रुपये देने के साथ 500 रुपये गैस सिलेंडर देने के वादा कर आधी आबादी को लुभाने का प्रयास कर रही है। यह भी तय माना जा रहा था कि कांग्रेस चुनाव से पहले अंचल में सिंधिया राग भी छेड़ेगी। किंतु दिग्विजय सिंह ने चुनाव से पहले सिंधिया का मुद्दा उठाकर चुनावी राजनीति को गरमा दिया है।

शुरुआत भाजपा ने की, हमने तो जवाब दिया

शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष डा. देवेंद्र शर्मा का कहना है कि लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने के लिए भाजपा नेताओं ने इसकी शुरुआत की है। प्रदेश के मुखिया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को पागल कहा, कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को सुपुर्णखा कहा। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनकी भाषा में ही, उन्हें जवाब दिया। महंगाई और बेरोजगारी मुद्दे बेअसर होने के सवाल पर डा. देवेंद्र शर्मा थोड़े सख्त नजर आये। उनका कहना है कि आम व्यक्ति महंगाई को झेल रहा है। कोरोना काल पहले से कर्ज में डूबा हुआ था। अब उसे सिलेंडर 1200 रुपये के लगभग खरीदना पड़ रहा है। बिजली महंगाई हो गई है। कर्ज चूकाना तो दूर बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो गया है। अब आमव्यक्ति इस महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे, या फिर बच्चों के दो वक्त की खाने की व्यवस्था करे। इस महंगाई और बेरोजगारी का जवाब नागरिक अपने वोट से देगा।

विकास की गंगा को कैसे नकारें, इसलिए कांग्रेस व्यक्तिगत हमले कर रही

भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी का कहना है कि दिग्विजय सिंह की सोच व मानसिकता और उनके कार्यों से हर कोई परिचित है। दिग्विजय सिंह की हमले का जवाब शीर्ष नेतृत्व दे चुका है। प्रदेश व ग्वालियर-चंबल अंचल में विकास की गंगा बह रही है। जो विकास कार्य अंचल में अब तक नहीं हुए वे हो रहे, आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे स्टेशन के पुर्नविकास के लिये भूमि पूजन किया है। कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को कांग्रेस ने मुद्दा बनाने की कोशिश की थी, किंतु जनता ने इसं गंभीरता से नहीं लिया। क्योंकि कोरोना जैसे महामारी में विश्व के सारे देश कर रहे हैं। केवल हम ही मजबूती से खड़े हैं। यह भाजपा की सफल अार्थिक नीतियों से संभव हुआ है।