डिजिटल युग में मोबाइल फोन से बचा रहना लगभग नामुमकिन है। आंखों की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से एक है फोन का लगातार इस्तेमाल और लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूप में फोन का इस्तेमाल करने से आंशिक अंधापन हो सकता है। मैक्यूलोपैथी, जिसे मैकुलर डिजनरेशन के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी बीमारी है जो रेटिना के पिछले हिस्से को प्रभावित करती है, जिसे मैक्युला कहा जाता है।

कम उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा : इस परेशानी में दो मामले सामने आए हैं, जिसमें रोगियों में से एक 20 वर्षीय लड़की है, जिसने समुद्र तट पर अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया, जबकि दूसरा रोगी 30 वर्षीय व्यक्ति है, जो धूप में बैठकर घंटों तक अपने टैबलेट पर पढ़ रहा था। हालांकि, यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि किन लोगों को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा है। यह संभावना है कि कम उम्र के लोगों को भी इस आंखों की बीमारी का ज्यादा खतरा है।

धूप के सामने मुंह करके खड़े न हों : आंखों की देखभाल करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि धूप के सामने कभी भी मुंह करके खड़े न हों। वहीं, धूप में खड़े होकर मोबाइल फोन चलाने से बचें।
 
धूप वाला चश्मा पहनें : सनग्लासेज आपको  सूरज की पराबैंगनी किरणों से बचाने में मदद करेगी। बहुत ज्यादा यूवी किरणों का आंंखों पर पड़ने से मोतियाबिंद और कई दूसरी आंखों की प्रॉब्लम्स का खतरा रहता है।

लेंस चुनते हुए ध्यान रखें : आप अगर कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, तो यूवीए और यूवीबी किरणों के 99% से 100% को ब्लॉक करने वाले लेंस पहनें। रैप अराउंड लेंस आपकी आंखों को साइड से बचाने में मदद करते हैं।

सेफ्टी आईवियर का इस्तेमाल करें : आप अगर बिजली से जुड़ा कोई काम कर रहे हैं, तो सेफ्टी आईवियर का इस्तेमाल करें। आइस हॉकी, रैकेटबॉल और लैक्रोस जैसे खेलों से भी आंखों में चोट लग सकती है। आंखों की सुरक्षा का ख्याल रखें। सेफ्टी फेस मास्क वाले हेलमेट या पॉली कार्बोनेट लेंस वाले स्पोर्ट्स गॉगल्स आपकी आंखों की सुरक्षा करेंगे।

कंप्यूटर वाला चश्मा पहनें : कंप्यूटर पर काम करते वक्त अगर आपको आंखों में तनाव महसूस होता है, तो कंप्यूटर वाला चश्मा पहनें। इससे आंंखों पर स्ट्रेस नहीं पड़ेगा।