लखनऊ. उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा का बजट सत्र 23 मई से शुरू हो रहा है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-विधान को लागू करने की अवधारणा दी है, जिसके तहत देश की सभी विधानसभाएं एक मंच पर आएंगी. इसके तहत सभी विधानसभाएं कागज रहित हो जाएंगी और वे एक-दूसरे से ऑनलाइन जुड़ेंगी. उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने राज्य की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने से पहले बड़ा बयान दिया है. उन्‍होंने शनिवार को कहा कि विधानसभा पहले सत्र से ही प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. इसके साथ महाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां ई-विधान लागू किया गया है और इस बार विधानसभा के प्रत्येक सदस्य के लिए सीट निर्धारित की गई है. वहीं, सभी सदस्यों के टेबल पर एक टैबलेट मौजूदा होगा.
सतीश महाना ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का उद्देश्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों और राज्य के लोगों के विकास के बारे में सोचना है. उन्‍होंने कहा कि जब मैं विधानसभा अध्यक्ष बना और यह मुद्दा (ई-विधान) मेरे सामने आया तो मैंने कहा कि हम इस प्रणाली को पहले सत्र से ही लागू कर देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी तेजी से आगे बढ़ रही है और आज मैं कह सकता हूं कि नगालैंड को छोड़कर उत्तर प्रदेश देश के बड़े राज्यों में से पहला राज्य है, जहां ई-विधान लागू किया गया है. यह प्रणाली लागू करना मेरे लिए एक चुनौती थी.महाना ने कहा कि राज्य में ई-विधान लागू करने से पहले सभी विधायकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास होगा कि सभी सदस्य इसे सीखें. शुरुआत में हम कामकाज को हाइब्रिड मोड में रखेंगे, जिसका अर्थ है ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों, क्योंकि सभी को सिस्टम सीखने में समय लगेगा.’विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘एक मुद्दा सामने आया कि कई विधायक इससे अनभिज्ञ हैं तो मैंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में जब एक गांव में रहने वाली बूढ़ी महिला विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकती है, तो विधायकों को सिस्टम को समझने में परेशानी क्यों होगी?’ उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों को इसमें समय लग सकता है और हमारा प्रयास एक-दो सत्रों के बाद पूरी तरह से कागज रहित होना होगा.