गुरुग्राम | राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के गेस्ट हाउस में ठगी का मास्टर माइंड प्रवीण यादव दोपहर 2 बजे के बाद ठेकेदारों से डील करता था। वहीं पर पूर्व तैनाती की वजह से वहां तैनात छोटे कर्मचारी चाय आदि की सुविधाएं मुहैया कराते थे। आरोपी ने गेस्ट हाउस को डील के लिए इसलिए चुना था कि ठेकेदारों को कोई शक न हो और उस पर पूरी तरह विश्वास रहे। ठेकेदारों का भरोसा जीतने के लिए उसने पहले छोटे काम दिलाने के नाम पर रुपये जमा कराए। काम न होने पर धरोहर राशि वापस भी कर देता था। इतना ही नहीं, उसकी बहन बैंक में फर्जी डीडी दिखाकर दूसरे काम का पैसा खाते में जमा करवाती थी। पुलिस जांच में पता चला कि पहले उसके शेयर मार्केट में 50 से 60 लाख रुपये डूब चुके थे, जिसे पूरा करने के लिए उसने धरोहर राशि के इस्तेमाल की योजना बनाई थी। बिचौलिया दिनेश ने जब पहली बार उसे 12 करोड़ रुपये दिलाए थे तो उसमें से उसे तीन करोड़ रुपये का कमीशन भी दिया था। उसके बाद उसने एक के बाद एक करके कई ठेकेदारों  को उसके जाल में फंसाया।