भोपाल ।  एडाप्ट एन आंगनबाड़ी योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को आमजन से मिली और अभियान के माध्यम से जुटाई गई सामग्री का अब सोशल आडिट कराया जाएगा। यह जिम्मा अलग-अलग जिलों में स्वयंसेवी संस्थाओं को सौंपा गया है, जिन्हें 31 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपनी है। प्रत्येक संस्था 20-20 आंगनबाड़ी केंद्रों का आडिट करेगी। इस दौरान देखा जाएगा कि अभियान के माध्यम से बच्चों के लिए मिले खिलौनों, कपड़ों, सहयोगी उपकरणों और धन राशि का सही उपयोग हुआ है या नहीं और राशि के उपयोग में पारदर्शिता बरती गई है या नहीं? सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने और सुविधाएं बढ़ाने के लिए समाज को जोड़ा है। इसके लिए एडाप्ट एन आंगनबाड़ी योजना लाई गई है। इसके तहत कोई भी आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेकर भवन की मरम्मत, सामग्री का इंतजाम कर सकता है।

सीएम शिवराज ठेला लेकर निकले थे

आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले गरीब बच्चों के लिए खिलौने और केंद्र के उपयोग की अन्य सामग्री के लिए भी अभियान चलाया गया, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद हाथ ठेला लेकर भोपाल और इंदौर की सड़कों पर निकले थे। इस अभियान से 30 करोड़ से अधिक मूल्य की सामग्री (टीवी, पंखा, कूलर, बर्तन, स्कूल बैग, ड्रेस, खिलौने आदि) जुटाई गई है।

इन्हें मिला है जिम्मा

भोपाल संभाग के राजगढ़ जिले में पीरामल फाउंडेशन, सीहोर में एनआइ, रायसेन में यूनिसेफ, भोपाल में यूएनएफपीए, विदिशा में एआइएफ, इंदौर संभाग के इंदौर जिले में ममता संस्था, खंडवा में जीआइजेड, धार में एक्शन अगेंस्ट हंगर और बड़वानी में जीआइजेड संस्था को आडिट का जिम्मा सौंपा गया है। यह भी देखा जाएगाआडिट में आंगनबाड़ी भवन की स्थिति, रंगाई-पुताई, बाउंड्रीवाल, पीने की पानी की उपलब्धता, वाटर फिल्टर, शौचालय, बिजली कनेक्शन, पंखा, टीवी, रेडियो, आउटडोर खेल सामग्री, फिसलपट्टी, फर्नीचर आदि भी देखी जाएगी।