दलित समाज में अपनी पैठ बनाने के लिए आरएसएस दलित कन्याओं का पूजन नवरात्र में कराएगा। इसके लिए संघ सामाजिक समरसता कार्यक्रम चला रहा है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अवध प्रांत में सामाजिक समरसता के तहत नवरात्र में दलित कन्याओं के पूजन का कार्यक्रम शुरू कराएगा। खासतौर पर वाल्मीकि समाज की बेटियों का सामूहिक पूजन कराया जाएगा।

संघ ने दलित और पिछड़े वर्ग में पैठ बनाने के लिए सामाजिक समरसता कार्यक्रम शुरू किए हैं। चैत्र नवरात्र में अवध प्रांत के गांवों में समाज के प्रमुख और प्रभावशाली लोगों के जरिए दलित कन्याओं के सामूहिक पूजन के कार्यक्रम का आयोजन होगा।

यूं तो कन्या पूजन में सभी जातियों की बेटियों को शामिल किया जाएगा। लेकिन वाल्मीकि समाज की कन्याओं के पूजन पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की रणनीति है। दलित कन्याओं को गोद लेने के भी कार्यक्रम होंगे। इसके तहत समाज के प्रबुद्ध वर्ग लोगों को दलित बेटियों की शिक्षा, वस्त्र, स्वास्थ्य, विवाह की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

इसके जरिए संदेश देने की कोशिश है कि संघ छूआछूत और भेदभाव के खिलाफ समरस समाज की स्थापना करना चाहता है। ऐसे कार्यक्रमों से दलित वर्ग के लोगों को संघ की किसी न किसी गतिविधि से जोड़कर विचारधारा और रीति-नीति से अवगत कराएंगे।

रामनवमी के दिन जगह-जगह राम जन्मोत्सव के कार्यक्रम भी होंगे। डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर भी 14 अप्रैल को संघ की ओर से अवध प्रांत के गांवों में संगोष्ठी का आयोजन होगा। डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा की सफाई, माल्यार्पण कार्यक्रम भी होगा। साथ ही सफाई कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा।