दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे। उन्होंने यहां उन्होंने डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी के अलावा मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक की। इलियासी अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम हैं। इससे पहले भागवत ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बंद कमरे में बैठक कर उनसे गोहत्या पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था। इसके अलावा उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ 'काफिर' (गैर-आस्तिक) और 'जिहाद' (पवित्र युद्ध) जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए। साथ ही सुझाव दिया कि इनके प्रयोग से बचना चाहिए।
बैठक में शामिल हुए प्रमुख मुस्लिम प्रतिनिधियों में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट-जनरल जमीर उद्दीन शाह (सेवानिवृत्त), राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी और व्यवसायी सईद शेरवानी शामिल थे।
बैठक में मुस्लिम प्रतिनिधियों ने बताया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता करने पर उन्हें देशद्रोही करार दिया जाता है।बैठक को लेकर कुरैशी और सिद्दीकी ने बताया कि बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। सिद्दीकी ने कहा, 'बैठक के बाद, भागवत ने नियमित रूप से मुस्लिम समुदाय के संपर्क में रहने के लिए चार वरिष्ठ पदाधिकारियों को नियुक्त किया। अपनी तरफ से हम मुस्लिम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों और पेशेवरों तक पहुंच रहे हैं ताकि आरएसएस के साथ इस संवाद को जारी रखा जा सके।'