मैनपुरी, विकास खंड कुरावली में हुए रिचार्ज पिट फर्जीवाड़े में ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सेवकों को कानों-कान भनक नहीं लगी। सीधे ब्लॉक स्तर से भुगतान प्राप्त कर लिया गया। जो निर्माण कराए भी गए वे भी सीधे ब्लॉक से एक ठेकेदार के माध्यम से कराए गए।जल संरक्षण के नाम पर कुरावली की लगभग 40 ग्राम पंचायतों में रिचार्ज पिट का निर्माण दिखाकर लाखों रुपये की धनराशि का फर्जीवाड़ा कर लिया गया। ये धनराशि सीधे मनरेगा से भुगतान की गई। इसमें ग्राम पंचायत सचिवों को जानकारी दिए बिना सीधे ब्लॉक से भुगतान कर लिया गया। ऐसे में ग्राम पंचायत सचिवों को न तो भुगतान की जानकारी हुई और न निर्माण की। एक पंचायत सचिव ने बताया कि ब्लॉक में रिचार्ज पिट का निर्माण दिखाकर जिम्मेदारों ने भुगतान निकाल लिया। मई में जब घिरोर में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ तो आधे-अधूरे निर्माण कराए गए। उन्हें ग्राम प्रधान और रोजगार सेवकों से इसकी जानकारी मिली।
पत्रावली भी नहीं हो सकेगी उपलब्ब्ध
 कुरावली में हुए रिचार्ज पिट फर्जीवाड़े की तह तक पड़ताल की तो पता चला कि ब्लॉक स्तर से भुगतान में फर्जीवाड़ा किया गया। ऐसे में रिचार्ज पिट निर्माण की पत्रावलियां भी उपलब्ध नहीं हो सकेंगी। पत्रावली होगी भी तो मनरेगा कार्य के लिए। उसमें रोजगार सेवक और पंचायत सचिव के हस्ताक्षर नहीं होंगे।

बीडीओ और लेखाकार ने किया भुगतान
रिचार्ज पिट का भुगतान सीधे ब्लॉक स्तर से किया गया। इसमें लेखाकार द्वारा अपने डिजिटल सिग्नेचर से भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई। इस प्रक्रिया को बीडीओ ने अपना डिजिटल हस्ताक्षर लगाकर पूर्ण किया।

जांच के दिए आदेश
मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि रिचार्ज पिट निर्माण में फर्जीवाड़े की जांच के लिए आदेशित किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।