नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि  भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही, वास्तव में रानी लक्ष्मीबाई ने ही आजादी के आंदोलन की नींव रखी थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज की छात्राओं को संबोधित करते हुए  कहा कि नारी शक्ति का सम्मान भारतीय परंपरा और संस्कृति का हिस्सा है। महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबा साहब अंबेडकर जैसे समाज सुधारकों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। 
ओम बिरला ने देश के विकास में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में आज देश की महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। फाइटर प्लेन से लेकर सीमाओं पर युद्ध हो, चाहे अर्ध सैनिक बल हों, हर जगह महिलाएं अग्रिम पंक्ति में खड़ी हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप  के माध्यम से लाखों महिलाएं अपने छोटे-छोटे उद्योग चलाकर समाज में बड़ा बदलाव ला रही हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब भी किसी अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी शैक्षणिक दौरों के लिए संसद आते हैं, तो देखने में आता है कि पुरुषों की तुलना में महिला प्रशिक्षुओं की संख्या अधिक होती है।
ओम बिरला ने कहा कि समय के साथ महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी भी बढ़ी है। जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब देश की संविधान सभा में महिलाओं की संख्या 15 थी। वहीं आज 115 महिलाएं भारत की संसद में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक की सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं में आज 14 लाख से ज्यादा महिलाएं नेतृत्व करते हुए सामाजिक और आर्थिक बदलाव ला रही हैं।  बिरला ने कहा कि देश महिला केंद्रित विकास के विजन को लेकर आगे बढ़ रहा है। जीवन के हर क्षेत्र में आज महिलाएं जिन उपलब्धियों को अपने नाम दर्ज करा रही हैं, वह अमृत काल में देश के संकल्पों के साकार होने का विश्वास दिलाती है। 
लोकसभा अध्यक्ष ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा शक्ति अपने इनोवेशन, क्रिएटिविटी से महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि उनका हर कदम यह सुनिश्चित करे कि समाज में महिलाओं का सशक्तिकरण हो। बिरला ने उनसे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान देने का आग्रह किया।