गाजियाबाद। मतांतरण के लिए 12वीं पास छात्र का एपिक गेम्स पर चैटिंग कर ब्रेनवाश किया गया था। इस प्लेटफार्म पर बैटल, टास्क, स्विमिंग, स्पोर्ट्स से जुड़े कई पेड गेम हैं।

इसी प्लेटफार्म पर बद्दो नाम की आईडी से नवी (मुंबई) का मकसूद शाहनवाज खान करीब 22 माह से छात्र का ब्रेनवाश कर उसे मतांतरण के लिए उकसा रहा था।

गुरुवार को एटीएस नोएडा की टीम भी गाजियाबाद पहुंची और स्थानीय पुलिस से मामले की जानकारी लेकर एटीएस के जवानों ने छात्र के घर जाकर उससे पूछताछ की है।

मकसूद की हुई पहचान

एटीएस ने छात्र का लैपटाप भी कब्जे में लेकर इस मामले की अपने स्तर से छानबीन शुरू कर दी है। वहीं पुलिस ने जुलाई 2021 में छात्र द्वारा कंप्यूटर उपकरणों की खरीद को भेजे 21 हजार रुपये के आधार पर मकसूद की पहचान कर ली है। उसकी गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद पुलिस की चार सदस्यीय टीम मुंबई पहुंच चुकी है।

यह रकम मकसूद के मुंबई के ठाणे स्थित कोटक महिंद्रा बैंक के खाते में डाली गई थी। राजनगर के एक उद्यमी ने 30 मई को थाना कविनगर में बद्दो के खिलाफ उनके नाबालिग बेटे को मतांतरण के लिए फंसाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें संजयनगर सेक्टर 23 की जामा मस्जिद के इमाम मेहताब आलम कासमी को भी आरोपित बनाया गया था। उनका बेटा जिम जाने के बहाने इसी मस्जिद में नमाज पढ़ने आता था।

छात्र भी दोस्त व गेम खेलने वालों को भेजता था सामग्री

छात्र के मोबाइल और लैपटाप से इस्लामिक सामग्री और आपत्तिजनक चीजें मिली थीं। ये बद्दो ने छात्र को भेजी थीं। एपिक गेम्स के प्लेटफार्म पर छात्र डिस्कार्ड एप गेम फोर्टनाइट खेलता था। इसी गेम को खेलने वाले हरियाणा के एक छात्र समेत दो लोगों से छात्र ने संपर्क कर इंस्टाग्राम और वाट्सएप पर बातचीत करने लगा था।

छात्र ने बद्दो की भेजी सामग्री अपनी एक सहपाठी इन दोनों को भेजी थीं। इसके अलावा वह एक साइबर कैफे संचालक व तीन अन्य नंबरों से भी लगातार इस्लाम को प्रमोट करने वाली सामग्री साझा कर रहा था। छात्र के मोबाइल से मिले एक नंबर पर काल की तो उसकी मां ने बात की। कहा कि उनके बेटे ने आज तक कोई सामग्री नहीं भेजी।

मतांतरण में गेमिंग एप को बना रहे हथियार

मतांतरण के लिए गेमिंग एप का इस्तेमाल करने का पर्दाफाश होने के बाद एटीएस समेत तमाम खुफिया एजेंसी सक्रिय हो गई हैं। एटीएस इसी बिंदु पर छानबीन कर रही है कि गेमिंग एप के जरिये मतांतरण कराने के लिए साइबर अपराधियों को हथियार बनाया जा रहा है तो इसकी फंडिंग कहां से हो रही है।

इसीलिए एटीएस ने तुरंत स्थानीय पुलिस से लैपटाप अपने कब्जे में लेकर खंगालना शुरू कर दिया है। अभी तक मतांतरण के मामलों में चिह्नित व्यक्ति से कोई न कोई मिलकर तमाम प्रलोभन देता था। अब गेमिंग एप पर पर्सनल चैट कर ब्रेनवाश करने और मतांतरण का प्रयास करने का मामला आने से इस बिंदु पर छानबीन शुरू कर दी है।

मां की मौत के बाद परेशान युवक वीडियो देख नमाज पढ़ने लगा था

छात्र के मोबाइल से संजयनगर के 21 वर्षीय युवक का नंबर मिला था। उक्त व्यक्ति ने बताया कि दो साल पहले कोरोना के कारण उनकी मां की मौत हो गई थी।

अकेला पड़ने पर उन्होंने एक दिन यूट्यूब पर अंग्रेजी में ईविल (बुराई) लिखकर सर्च किया था, जिसमें कुछ वीडियो मिले। इनमें इस्लाम के बारे में बताया गया था। वीडियो प्रभावित करने लगे और कुछ माह तक लगातार वीडियो देखने के बाद वह जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने जाने लगे।

यहीं पर राजनगर के छात्र से मुलाकात हुई तो नंबर लेकर दोनों आपस में बातचीत करने लगे थे। युवक की बहन ने बताया कि पता चलने पर उन्होंने विरोध किया और समझाया, जिसके बाद उसने मस्जिद जाना बंद कर दिया था। आसपास के लोग उनके बारे में गलत न सोचें, इसीलिए पुलिस को कार्रवाई से इन्कार कर दिया है।

इमाम के साथ कमेटी के सदस्य भी जांच के दायरे में

जामा मस्जिद के इमाम का कहना था कि उन्होंने 17 मई को पुलिस को दोनों युवकों के मस्जिद आने की सूचना दे दी थी। पुलिस के मुताबिक छात्र के स्वजन को सात मई को उसके नमाज पढ़ने के बारे में पता चला था। इसीलिए पुलिस ने छात्र, उसके मोबाइल से मिले नंबरों के साथ इमाम व मस्जिद कमेटी के सदस्यों के भी काल रिकार्ड्स निकलवाए हैं। इमाम के साथ कमेटी के सदस्य भी जांच के दायरे में आ गए हैं।

एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा, मकसूद की तलाश में पुलिस मुंबई गई है। एपिक गेम्स नाम के प्लेटफार्म के बारे में पता चला है। लैपटाप एटीएस ले गई है। सीडीआर खंगालकर आगे की कार्रवाई करेंगे।