करीब एक महीने से चल रहा सावन का पवित्र महीना अब समाप्त होगा है। सावन के पूरे माह भगवान शिव की आराधना और साधना होती रही है। अब हिंदू कैलेंडर का छठा माह भद्रापद जिसे भादों भी कहते हैं 12 अगस्त से आरंभ हो गया है। भद्रापद महीना 10 सितंबर तक चलेगा। जिस प्रकार भगवान विष्णु चार महीनों के लिए निद्रा में हैं ऐसे में सावन के महीने में भगवान शिवशंकर की उपासना की गई, उसी प्रकार भाद्रपद माह में भगवान गणेश और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा आराधना और व्रत रखे जाएंगे। भाद्रपद में कई प्रमुख व्रत-त्योहार आएंगे जिसमें कृष्ण जन्माष्मी,हरतालिका तीज होगी।

कजली तीज - 14 अगस्त: सावन-भादों में तीज व्रत का विशेष महत्व होता है। जहां सावन माह में हरियाली तीज मनाई गई वहीं भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का व्रत किया जाता है। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं और लड़कियां देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।

बहुला चतुर्थी -15 अगस्त: तीज के चतु्र्थी तिथि पर बहुला चतुर्थी आएंगी। इसमें भगवान गणेश की उपासना और संतान प्राप्ति के लिए और उसकी लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखा जाता है।

हलषष्ठी और संक्रांति -17 अगस्त: भाद्रपद षष्ठी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म दिवस मनाया जाएगा।इसके अलावा इस दिन सूर्य का राशि स्वयं की राशि में में परिवर्तन होगा जिसे सिंह सक्रांति कहते हैं।
 
कृष्ण जन्माष्टमी-18 और 19 अगस्त: इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। 18 अगस्त को शैव और 19 अगस्त को वैष्णव संप्रदाय के लोग भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव पर्व मनाएंगे।

जया एकादशी -23 अगस्त: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हर माह दो एकादशी का व्रत रखा जाता है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा या जया एकादशी कहते हैं। एकादशी पर पूरे दिन व्रत रहते हुए भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।

भाद्रपद अमावस्या-27 अगस्त: इस बार भाद्रपद की अमावस्या शनिवार के दिन पड़ेगी जिस कारण से शनि अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। शनि अमावस्या पर शनिदेव की कृपा के लिए विशेष पूजा होती है। इसके अलावा अमावस्या तिथि पर पितरों को तर्पण देने के लिए गंगा स्नान और दान का महत्व है।

हरतालिका तीज- 30 अगस्त: अगस्त माह के आखिरी दिनों में हरितालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। सुहागन महिलाएं पति की सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए मां पार्वती की पूजा उपासना करती हैं।

गणेश चतुर्थी- 31 अगस्त:  31 अगस्त को चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव आरंभ हो जाएंगे। जहां पर घर-घर गणपति विराजेंगे और पूजा उपासना की जाएगी। दस दिनों का गणेश उत्सव चलेगा।

राधा अष्टमी - 4 सितंबर:  भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर देवी राधा का जन्म उत्सव मनाया जाता है। बरसाना में राधा देवी की जन्मस्थसल है। जहां पर विशेष पूजा होती है।

अनंत चतुर्दशी - 9 सितंबर : अनंत चतुर्दशी 09 सितंबर को है जिसमें इस दिन 10 दिनों तक घर में विराजमान गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।

भाद्रपद पूर्णिमा - 10 सितंबर: भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर को है। इसी के साथ  15 दिनों के लिए पितृ पक्ष शुरू हो जाएगा। श्राद्ध पक्ष में पितरों की विशेष पूजा की जाती है।