खाने का तेल बहुत जल्द सस्ता होने वाला है। इंडोनेशिया ने निर्यात को बढ़ावा देने और हाई इन्वेंट्री को कम करने के लिए 31 अगस्त तक सभी पाम तेल प्रोडक्ट्स के लिए अपने निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया है। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल निर्यातक है और इस फैसले से पाम तेल की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। अप्रैल के अंत से एक साल में इसके दाम में लगभग 50% की गिरावट आई है।

देशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव टूटने के बीच देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते सप्ताह सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। वहीं मूंगफली और कच्चे पामतेल (सीपीओ) के भाव में सुधार देखने को मिला। बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे। विदेशों में खाद्य तेलों का बाजार काफी टूटा है जो गिरावट का मुख्य कारण है। इस गिरावट की वजह से देश में आयातकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि उन्होंने जिस भाव पर सौदे खरीदे थे अब उसे कम भाव पर बेचना पड़ रहा है। उन्होंने जिस सीपीओ का आयात 2,040 डॉलर प्रति टन के भाव पर किया था उसकी अगस्त खेप का मौजूदा भाव घटकर लगभग 1,000 डॉलर प्रति टन रह गया है। यानी थोक में सीपीओ (सारे खर्च व शुल्क सहित) 86.50 रुपये किलो होगा।