नई दिल्ली । रक्षा मंत्रालय भी बॉर्डर पर निगरानी के लिए छोटे आकार के ड्रोन खरीदने की तैयारी कर रही है। इसके संबंध में मंत्रालय की तरफ से प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। माना जा रहा है कि इसके जरिए सेना ऊंचे क्षेत्रों में अपनी नजरें मजबूत कर सकेगी। मंत्रालय दो तरह के ड्रोन खरीदने पर विचार कर रही है। इनमें एक को 4 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर तैनात किया जा सके। वहीं, दूसरे वर्जन 4 हजार मीटिर से कम ऊंचाई पर नजर बनाए रख सके। गुरुवार को भारतीय वेंडर्स को औपचारिक रूप से रिक्वेस्ट फॉर इन्फर्मेशन यानि आरएफआई भेज दी गई है। आरएफआई के टेंडर प्रक्रिया का पहला चरण कहा जाता है। सेना ऐसा ड्रोन चाहती है, जिसका वजन 10 किलों हो। इसमें वीडियो कैमरा और नाइट सेंसर हो और यह पांच किमी की रेंज में उड़ान भर सके। खास बात है कि सेना में इन्हें टेक्टिकल ड्रोन्स कहा जाता है, जो सटीक तस्वीरें और वीडियो उपलब्ध कराते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन ड्रोन्स का वजन इतना ही होना चाहिए, जो ऊंचाई की तेज हवा का सामनाकर सकें और 5 हजार 500 मीटर पर लॉन्च हो सकें। साथ ही ये जमीन से 500 मीटर ऊपर उड़ सकें। सियाचिन और लद्दाख में सब सेक्टर नॉर्थ में ज्यादातर चोटियों की ऊंचाई 18 हजार फीट से ज्यादा है और यहीं हाल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश का है। कहा जा रहा है कि ड्रोन खरीदी को लेकर अगली प्रक्रिया यानि रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल नवंबर 2022 में होगी।