अहमदाबाद | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को एकतनागर से ‘मिशन लाइफ़’ की ग्लोबल लॉन्चिंग करते हुए कहा कि भारत आज समग्र विश्व में प्रगति व प्रकृति के बीच संतुलन का उत्तम उदाहरण बना हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में वन क्षेत्र में वृद्धि के साथ वन्यजीवों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। चरणबद्ध ढंग से उठाए गए क़दमों के परिणामस्वरूप भारत पर्यावरण संरंक्षण की दिशा में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व में चार टन के सापेक्ष में भारत में कार्बन फ़ुट प्रिंट का प्रमाण प्रति व्यक्ति केवल डेढ़ टन है। भारत जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या के समाधान के लिए सबसे अग्रिम पंक्ति में कार्य कर रहा है। रिड्यूस, रियूज़, रिसाइकल तथा सर्कुलर इकोनॉमी तो हज़ारों वर्षों से भारतीय जीवनशैली के अंग रहे हैं। नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध संघर्ष में विश्व में एकता की महत्ता व्यक्त करते हुए कहा कि आज जब भारत के गौरव सरदार वल्लभभाई पटेल की विराट प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ़ यूनिट परिसर एकतानगर से विश्व के प्रथम ‘मिशन लाइफ़’ का लोकार्पण हो रहा है, तब विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। उन्होंने कहा कि जब लक्ष्य असाधारण हो, तब उसका परिणाम विशाल होता है। उन्होंने कहा कि पुनर्प्राप्य ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में क़दम उठाने की शुरुआत करने वाला गुजरात देश का प्रथम राज्य है। राज्य के अकालग्रस्त क्षेत्रों के लिए नहरों पर सोलर पैनल लगाने हों या जल संरक्षण योजनाएँ शुरू करनी हों, गुजरात हमेशा अग्रणी एवं ट्रेंडसेटर स्टेट के रूप में आगे आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन केवल नीति से संबंधित मुद्दा होने का विचार प्रक्रिया की ओर ले जाता है। इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को केवल सरकार या अंतरराष्ट्रीय संस्थानों पर छोड़ देने के स्थान पर अब इनमें जनशक्ति को जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोग आसपास के वातावरण में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अनुभव कर रहे हैं और पिछले कुछ दशकों में अप्रत्याशित आपत्तियाँ देखने को मिली हैं। लोगों को व्यक्तिगत, परिवार एवं समुदाय के रूप में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के विरुद्ध योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘मिशन लाइफ़’ का मंत्र ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ है। यह वैश्विक अभियान पृथ्वी की सुरक्षा के लिए लोगों की शक्ति को जोड़ता है और उसका अधिक अच्छे ढंग से उपयोग करना सिखाता है। ‘मिशन लाइफ़’ पर्यावरण सुरक्षा के लिए हमारे रोज़मर्रा के जीवन में किया जा सकने वाला सब कुछ करने की प्रेरणा देता है। ‘मिशन लाइफ़’ से हमारी जीवनशैली में फेरबदल कर पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है। मोदी ने बिजली बिल में कमी लाने तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिए भारत में LED बल्ब अपनाए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे बड़े पैमाने पर बिजली व धन की बचत तथा पर्यावरणीय लाभ हुए और यह एक पुनरावर्तित स्थायी लाभ है। प्रतिवर्ष एक सौ मैट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन से बचा जा सकता है। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधीजी ऐसे चिंतनशीलों में एक थे, जिन्होंने बहुत पहले ही पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति के साथ सामंजस्य में जीवन जीने का महत्व समझाया था। गांधीज ने ट्रस्टीशिप का विचार विकसित किया था। ‘मिशन लाइफ़’ हम सभी को पर्यावरण का ट्रस्टी बनाता है। ट्रस्टी ऐसा व्यक्ति है, जो संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग को मंज़ूरी नहीं देता। ट्रस्टी शोषक के रूप में नहीं, बल्कि पोषक के रूप में काम करता है। उन्होंने कहा कि ‘मिशन लाइफ़’ पी3 मॉडल अर्थात् प्रो-प्लैनेट पीपल की भावना का उजागर करेगा। ‘मिशन लाइफ़’ पर्यावरण संरक्षण के लिए समग्र विश्व के विचारों में एकता लाता है। यह फ़ॉर द प्लैनेट, बाय द प्लैनेट, ऑफ़ द प्लैनेट के मूलभूत सिद्धांतों पर कार्य करता है। अतीत की भूलों से सीख कर ही भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। भारत में हज़ारों वर्षों से प्रकृति की पूजा करने की परम्परा है। वेदों में जल, पृथ्वी, भूमि, अग्नि तथा वायु-पवन जैसे प्रकृति के तत्वों का निश्चित उल्लेख है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अथर्ववेद का उल्लेख करते हुए कहा कि माता भूमिह पुत्रोहम् पृथ्वीह अर्थात् पृथ्वी हमारी माता है और हम इसके बच्चे हैं। उन्होंने रिड्यूस, रियूज़ एण्ड रिसाइकल तथा सर्कुलर इकोनॉमी पर बल देते हुए कहा कि हज़ारों वर्षों से ये भारतीयों की जीवनशैली का एक हिस्सा हैं। ये हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य में चलने की प्रेरणा देते हैं। ‘मिशन लाइफ़’ प्रकृति के संरक्षण से जुड़ी हर उस जीवनशैली का समावेश करेगा, जो हमारे पूर्वजों ने अपनाई थी और उसे आज हमारी जीवनशैली का एक भाग बनाया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के जोखिम से निपटने को प्रतिबद्ध है। भारत में वार्षिक प्रति व्यक्ति कार्बन फ़ुट प्रिंट केवल डेढ़ टन है, जबकि विश्व का औसत प्रतिवर्ष चार टन है। इसके बावजूद जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या के निवारण में भारत शीर्ष पर कार्य कर रहा है। मोदी ने उज्ज्वला योजनांतर्गत प्रत्येक ज़िले में 75 अमृत सरोवर जैसी पहलों और संपत्ति के व्यय पर रोक लगाने पर अभूतपूर्व बल देने की हिमायत की। आज भारत विश्व में रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में चौथे नंबर की सबसे बड़ी क्षमता रखता है, पवन ऊर्जा में चौथे एवं सौर ऊर्जा में पाँचवें क्रम पर है। पिछले सात-आठ वर्षों में भारत की पुनर्प्राप्य ऊर्जा क्षमता में लगभग 290 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। निर्धारित समयावधि के 9 वर्ष पहले अश्मि रहित ईंधन स्रोतों में से 40 प्रतिशत इलेक्ट्रिक क्षमता हासिल करने का लक्ष्य प्राप्त किया गया है। पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य भी प्राप्त किया गया है और वो भी समयसीमा से 5 माह पहले। राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन द्वारा भारत पर्यावरणानुकूल ऊर्जा स्रोतों की ओर आगे बढ़ा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे भारत तथा विश्व के कई देशों को उनके नेट ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस बात का एक मुख्य उदाहरण है कि प्रकृति एवं प्रगति किस प्रकार साथ मिल कर चल सकते हैं ? अब जब भारत विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, तब हमारा वन क्षेत्र भी बढ़ रहा है और वन्यजीवों की संख्या भी बढ़ रही है। वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के वैश्विक अभियान को उजागर करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत अब ऐसे लक्ष्यों की ओर संकल्प को मज़बूत कर विश्व के साथ अपनी भागीदारी और बढ़ाना चाहता है। डिज़ास्टर रेलीज़िएंस इन्फ़्रास्ट्रक्चर के लिए संगठन के गठन का नेतृत्व कर भारत ने पर्यावरणीय संरक्षण की ओर अपना विचार विश्व को पहुँचाया है। ‘मिशन लाइफ़’ इस श्रृंखला का अगला क़दम है। भारत तथा संयुक्त राष्ट्र ने साथ मिल कर कार्य किया है। ऐसे में विश्व को अधिक अच्छा स्थान बनाने के नए मार्ग मिले हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय धान वर्ष पर समग्र विश्व में चर्चा होगी। ‘मिशन लाइफ़’ इसे विश्व के प्रत्येक कोने, प्रत्येक देश में ले जाने में सफल रहेगा। प्रधानमंत्री ने आह्वान किया कि हमें यह मंत्र याद रखना है – प्रकृति रक्षति रक्षिता: अर्थात् जो प्रकृति का रक्षण करते हैं, प्रकृति उनका रक्षण करती है। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के लिए दूसरे घर जैसा है और वे अपनी युवावस्था के दौरान कई बार भारत यात्रा कर चुके हैं। नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा करने का अवसर प्राप्त करने के लिए श्री गुटेरेस का आभार व्यक्त किया और कहा कि गुजरात में उनका स्वागत करना परिवार के सदस्य का स्वागत करने समान है। प्रधानमंत्री ने ‘मिशन लाइफ़’ पहल करने के लिए भारत को दिए गए समर्थन पर आनंद व्यक्त किया और इस शुभ अवसर पर अपना अभिनंदन संदेश भेजने के लिए सभी राष्ट्रों के प्रमुखों के प्रति आभार जताया। मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान यूएन महासचिव के साथ ‘मिशन लाइफ़’ के डॉक्यूमेंट, लोगो, टैगलाइन का अनावरण भी किया।