अयोध्या। श्रीराम मंदिर के बनने के बाद लोग यहां भगवान श्रीराम के साथ ही कई ऋषियों और साधु संतों व रामायण के प्रमुख पात्रों की मूर्तियां भी दिखेंगी। क्योंकि मंदिर ट्रस्ट ने यह फैसला भी लिया है कि मंदिर परिसर में महर्षि विश्वामित्र, वाल्मीकि, अगस्त्य आदि ऋषियों के साथ ही निषाद राज, माता शबरी, और जटायु आदि की प्रतिमाएं भी मंदिर परिसर में लगाई जाएंगी जिससे यहां आने वाले लोग इनकी पूजा अर्चना भी कर सकें।  सालों के संघर्ष के बाद रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का सपना पूरा हो रहा है। मंदिर के निर्माण की गति का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि प्लिंथ का काम लगभग पूरा हो गया है। वहीं दिसंबर 2023 तक गर्भगृह का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। जनवरी 2024 में भगवान रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान होंगे और भक्तों को अलौकिक दर्शन देंगे। मंदिर निर्माण की भव्यता और आध्यात्मिकता की झलक को लेकर देश भर के लोगों में उत्साह का माहौल है।
निर्माण से जुड़े अन्य मसलों को लेकर हाल में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक अहम बैठक हुई, जिसमें कई फैसले लिए गए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कई दिनों से महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वशिष्ठ, माता शबरी, निषादराज और जटायु को मंदिर परिसर में स्थान देने पर विचार चल रहा था। इस पर अब फाइनल मुहर लग गई है।