अजमेर | राजस्थान के केकड़ी शहर एक बार फिर शरारती तत्वों की हरकतों से प्रभावित रहा। तेज आवाज वाले खतरनाक पटाखों पर पाबंदी होने के बाद भी गोवर्धन पूजा की रात परंपरा की आड़ में लोग एक-दूसरे पर पटाखे फेंककर अंगारों की होली खेलते रहे। पटाखा युद्ध में एक पुलिसकर्मी समेत दो दर्जन युवा झुलस गए। केकड़ी के लोग करीब तीन दशकों से गोवर्धन पर्व के अवसर पर जलते पटाखों को एक-दूसरे पर फेंक कर आग और अंगारों की इस खतरनाक परंपरा को निभा रहे हैं।

घास भेरू की सवारी के दौरान युवाओं ने एक-दूसरे पर जमकर खतरनाक पटाखे फेंके।शरारती युवाओं ने पुलिस वाहन पर भी पटाखे फेंके।घास भेरू की सवारी पूजा-अर्चना से शुरू हुई।सवारी सदर बाजार से शुरू होकर लोढ़ा चौक, माणक चौक, सुरजपोल गेट,माली मोहल्ला, भेरू गेट, बड़ा गुवाड़ा,सरसड़ी गेट,खिड़की गेट होते हुए फिर से सदर बाजार पहुंचकर संपन्न हुई।इस बार प्रशासन व पुलिस की सख्ती के चलते माहौल में काफी नरमी रही।फिर भी युवा वर्ग पटाखों को जलाकर एक-दूसरे पर फेंकने से बाज नहीं आया।

कई वर्षों से चल रही है परंपरा
केकड़ी में गोवर्धन पूजा पर पटाखों को एक-दूसरे पर फेंकना अब एक परंपरा हो चुकी है। हर साल लाखों रुपये के पटाखे एक-दूसरे पर फेंककर बर्बाद किए जाते हैं।लोगों को पीड़ा पहुंचाई जाती है। घास भेरू की सवारी के दौरान पुलिस ने असामाजिक तत्वों पर लाठीचार्ज किया।उन्हें मौके से खदेड़ा। घास भेरू की सवारी के दौरान सिटी थानाधिकारी राजवीर सिंह, सदर थाना अधिकारी अनिल देव कल्ला, सावर थानाधिकारी रामस्वरुप जाट सहित अतिरिक्त पुलिस बल मौजूद रहा।