भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता और अनुभवी रक्षक खिलाड़ी निक्की प्रधान ने रविवार को एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे मैच के दौरान देश के लिए क्रमश: 250 और 150 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की उपलब्धि हासिल की। डरबन में 2009 में चार देशों के स्पार कप टूर्नामेंट में पदार्पण के बाद सविता ने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत टीम में अपनी जगह पक्की की। एक दशक से अधिक समय के अपने करियर के दौरान 32 साल की सविता ने कई उपलब्धियां हासिल की जिसमें अर्जुन पुरस्कार भी शामिल है।

सविता ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के चौथे स्थान पर रहने के दौरान प्रभावी प्रदर्शन किया। वह 2016 रियो ओलंपिक और लंदन में महिला विश्वकप में खेलने वाली टीम का हिस्सा भी थी। उनकी अगुआई में भारत ने 2022 में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का कांस्य पदक जीता और एफआईएच नेशंस कप में भी खिताबी जीत दर्ज की जिससे टीम ने एफआईएच प्रो लीग 2023-24 के लिए क्वालिफाई किया। 

निक्की ने 2016 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। झारखंड में जन्मीं यह खिलाड़ी रियो ओलंपिक के दौरान ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली अपने राज्य की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बनी। वह टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली टीम का भी हिस्सा थीं। वह 2017 में महिला एशिया कप में स्वर्ण और 2018 में महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहीं।.