दिल्ली में मंकी पाक्स के एक केस मिलने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मूड पर है। स्वास्थ्य विभाग ने शहर में संचालित सभी निजी अस्पतालों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि विदेशों से यहां इलाज कराने आने वालों पर विशेष नजर रखें और यदि किसी में मंकी पॉक्स के लक्षण नजर आए तो स्वास्थ्य विभाग को तत्काल जानकारी दें। इसका खतरा विदेशों से आने वालों पर है। ऐसे में शहरवासियों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सतर्क रहने और सावधानी बरतने की जरूतर है।

दिल्ली में 34 वर्षीय एक युवक में मंकी पॉक्स के लक्षण मिले हैं। उसका एलएनजेपी अस्पताल में इलाज चल रहा है। युवक की कोई विदेश टूर की हिस्ट्री नहीं है। बल्कि वह कार से एक महीने पहले 25 जून को हिमाचल प्रदेश गया था। वहां नारकंडा में रुकने के बाद 27 जून को दिल्ली वापस लौटा था। डिप्टी सीएमओ डॉ. रामभगत का कहना है कि ऐहतियात के तौर पर मंकी पॉक्स मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाने की तैयारी है। हालांकि अभी फरीदाबाद में कोई मरीज नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मंकी पॉक्स को लेकर किसी को डरने की जरूरत नहीं है। यह कोरोना जैसे खतरनाक नहीं है। करीब 45 साल पहले लोगों को स्मॉल पॉक्स के टीके लगा करते थे। ऐसे में 45 साल से ऊपर वालों को कोई खतरा नहीं है।