नोएडा । नोएडा का सबसे बड़ा मॉल ग्रेट इंडिया पैलेस जीआईपी मॉल के बेचे जाने की चर्चा के बीच इसमें नए साझेदार निवेश कर सकते हैं। मॉल प्रबंधन कोरोना महामारी के बाद बिगड़े हालात को देखते हुए आर्थिक मजबूती देने का प्रयास कर रहा है। प्रबंधन ने मॉल को बेचे जाने की चर्चा को महज अफवाह बताया है। कोरोना महामारी के समय कम से कम एक साल तक जीआईपी मॉल का व्यापार बुरी तरह प्रभावित रहा। वर्ष 2021 में भी स्थिति नहीं सुधरी। हालांकि, इस साल पिछले चार महीने से मॉल में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। इस बीच अचानक मॉल को 2000 करोड़ रुपये में बेचे जाने की चर्चा शुरू हो गई। जीआईपी के सूत्रों के अनुसार, इस वक्त मॉल में रोजाना करीब 40 हजार लोग आ रहे हैं। वहीं, कोरोना महामारी से पहले प्रत्येक दिन मॉल में 50 हजार से ज्यादा लोग आते थे। अगर यह मॉल बिकता है तो प्राधिकरण को ट्रांसफर ऑफ मेमोरेंडम के तहत अच्छी खासी राशि मिलेगी। कोरोना काल के दौरान व्यापार प्रभावित होने के कारण कई शोरूम बंद हो गए। मॉल का व्यवसाय प्रभावित होने के पीछे यह बड़ा कारण माना जा रहा है। जीआईपी मॉल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मॉल बिक नहीं रहा है, बल्कि उसमें से कई साझेदार अलग हुए हैं और कई नए साझेदार जुड़ेंगे। इसके बाद भी मॉल का नाम यही रहेगा। वर्ष 2007 में बनकर तैयार हुआ यह मॉल 147 एकड़ क्षेत्र में बना हुआ है। मॉल के प्रमोटर इसी परिसर में तीन अन्य मॉल और एम्यूजमेंट पार्क भी चलाते हैं। जीआईपी शहर के सबसे बड़े मॉल के रूप में स्थापित है। मॉल परिसर में स्थित गार्डेन गैलेरिया, वर्ल्ड्स ऑफ वंडर और एम्यूजमेंट पार्क में 250 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के शोरूम हैं। यहां प्रतिदिन नोएडा और दिल्ली एनसीआर के लोग खरीदारी और मनोरंजन के लिए आते हैं। जीआईपी मॉल में एक मल्टीप्लेक्स भी है।