लखनऊ । नवाबों की नगरी लखनऊ में जी-20 समिट के लिए सज-संवरकर तैयार है। सोमवार को जी-20 का शुभारंभ होना है। जी20 समिट में 141 देशों के डेलीगेट्स आ रहे हैं। जी-20 बैठक में आर्थिक के अलावा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल स्किलिंग पर चर्चा होगी। जी-20 समिट के तीन दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए मेहमान आ चुके हैं। बड़ी संख्या में जी-20 सदस्य देश और उनके प्रतिनिधि लखनऊ पहुंचे हैं। मेहमानों के स्वागत को लेकर नवाबों की नगरी में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
लखनऊ में 13 से 15 फरवरी तक होने वाली इस बैठक में जी-20 में शामिल 20 देशों के साथ भारत के 9 मित्र देशों के कुल 120 प्रतिनिधि शामिल होंगे। जी-20 प्रतिनिधिमंडल जहां-जहां से होकर गुजरेगा, उन रास्तों को फूलों से सजाया गया है। रंग-बिरंगी लाइट्स की रोशनी से लखनऊ जगमगा उठा है। इस सम्मेलन में डिजिटल इकोनामी वर्किंग ग्रुप की बैठक में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इकनोमिक में साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल कुशलता पर मंथन होगा। 
जी-20 के पहले सत्र की शुरुआत 13 फरवरी को सुबह 9:30 बजे से होगी। सम्मेलन में शामिल होने वाले विदेशी मेहमान का सबसे पहले कोविड-19 टेस्ट किया जाएगा। इसके अलावा मेहमानों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा भी खास इंतजाम किए गए हैं। 14 फरवरी की शाम को होटल ताज में प्रदेश सरकार की ओर से मेहमानों को भोज दिया जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से आज डिनर रखा गया है। 
यूपी के 4 जिलों में जी-20 सम्मेलन की 11 बैठकें होंगी। इस सम्मेलन को लेकर प्रशासन की ओर से भी तैयारियां की गई हैं। वसुधैव कुटुम्बकम और एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के ध्येय के साथ आयोजित हो रहे जी-20 सम्मेलन को लेकर शहरों को विशेष तौर पर सजाया-संवारा गया है। लखनऊ, आगरा, वाराणसी और ग्रेटर नोएडा में सौंदर्यीकरण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है। 
रविवार को इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने पूरे कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।उन्होंने बताया कि जी-20 देशों में 75 प्रतिशत ट्रेड होता है। इन देशों की जनसंख्या और जीडीपी भी अच्छी है। 2017 में डिजिटल इकोनामी टास्क फोर्स बनाया गया था। इससे पहले इंडोनेशिया में जी-20 बैठक हुई थी। वर्ष 2024 में ब्राजील इस बैठक की अध्यक्षता करेगा। जी-20 बैठक वसुधैव कुटुम्बकम थीम पर आयोजित की जा रही है। इसे तीन भाग में बांटा गया है। पहला डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है। इसके उदाहरण यूपीआई और आधार हैं। डिजिटल पेमेंट का 45 फीसदी भुगतान सिर्फ भारतीय करते हैं। पब्लिक ओन प्लेटफार्म तैयार किया गया है, जिसे दूसरे देश के डेलीगेट्स को बताया जाएगा। साइबर सिक्योरिटी अहम मुद्दा है। इस चुनौती से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर चर्चा होगी।