बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ समेत अन्य जिलों में स्थित 20 और कालेजों की जांच करेगी। जल्द ही इन कालेजों के संचालकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा। पहले चरण में ईडी 10 कालेजों की जांच कर रहा है। इनमें लखनऊ के हाइजिया एजुकेशनल ग्रुप के दो संचालकों समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ईडी अल्पसंख्यक विभाग के कुछ अधिकारियों से भी इसी सप्ताह पूछताछ करेगा। छात्रवृत्ति बांटने में नियमों की अनदेखी को लेकर उनसे सवाल-जवाब होंगे। ईडी दिल्ली व लखनऊ की टीमों ने 16 फरवरी को अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के घोटाले को लेकर लखनऊ, हरदोई, फर्रुखाबाद व बाराबंकी समेत छह शहरों में स्थित शैक्षणिक व मेडिकल कालेजों के 22 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी।

सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के दौरान अलग-अलग कालेजों से बरामद दस्तावेजों की छानबीन में कई अन्य कालेजों में भी धांधली के तथ्य सामने आए हैं। जिसके आधार पर ही अगले चरण की छानबीन के लिए 20 कालेजों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर व अन्य शहरों में स्थित कालेज शामिल हैं।

अब तक की छानबीन में छात्रवृत्ति की 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम हड़पे जाने के तथ्य सामने आ चुके हैं। ईडी अब अन्य कालेजों की भी छानबीन आरंभ करने जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए फर्जी छात्र-छात्राओं को दर्शाकर उनके खातों में आई रकम को हड़पी गई है। छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए बड़ी संख्या में फर्जी बैंक खाते भी खोले गए हैं।

घोटाले में फिनो बैंक के अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका की भी जांच चल रही है। ईडी ने शैक्षणिक संस्थानों में छापेमारी के बाद मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अपनी जांच आरंभ की थी। ईडी घोटाले की रकम से जुटाई गईं बेनामी संपत्तियां की भी पड़ताल कर रहा है। कालेज संचालकों से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर कई संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई है, जिनमें घोटाले की रकम निवेश की गई है।