जीभ के रंग और इसकी आकृति में बदलाव के आधार पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही कारण है कि अक्सर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह मुंह खोलने और जीभ बाहर करने को कहते हैं। असल में जीभ के रंग के आधार पर आपके शरीर में पनप रही कई तरह की समस्याओं का अंदाजा लगाया जा सकता है।

जीभ का पीलापन : जीभ का पीलापन आमतौर पर बैक्टीरिया के विकास के कारण होता है। गड़बड़ ओरल हाइजीन और मुंह में शुष्की के कारण भी बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिससे कई प्रकार के संक्रमण का खतरा हो सकता है। जीभ का पीला होना सामान्यतौर पर पीलिया का एक लक्षण माना जाता है |

जीभ का कालापन : सामान्यतौर पर जीभ पर केराटिन के जमा होने के कारण जीभ में कालेपन की समस्या हो सकती है। केराटिन त्वचा, बालों और नाखूनों में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है।जेनेटिक एंड रेयर डिजीज इंफॉर्मेशन सेंटर के अनुसार, केराटिन बिल्डअप के कारण जीभ काली और बालों वाली हो सकती है।

जीभ पर सफेद धब्बे नजर आना : यदि आपकी जीभ हल्की पीली होने के साथ उसके आसपास सफेद धब्बे दिख रहे हैं तो यह फंगल संक्रमण की समस्या या ओरल थ्रश का संकेत माना जाता है। ओरल थ्रश काफी दर्दकारक स्थिति होती है जिसमें जीभ पर मोटे, सफेद या लाल धब्बे बन सकते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को निगलने या खाने में परेशानी हो सकती है।

जीभ का लाल होना : जीभ लाल या ऊबड़-खाबड़ जैसा दिखना विटामिन-बी की कमी का संकेत हो सकता है। उबड़-खाबड़ जीभ की स्थिति को ग्लोसिटिस का संकेत भी माना जाता है जिसके कारण जीभ में सूजन आ जाती है। कुछ स्थितियों में यह कावासाकी रोग का भी संकेत हो सकता है।  विटामिन-बी की कमी के कारण तंत्रिकाओं और कई प्रकार की अन्य समस्याओं का खतरा हो सकता है ।