वाराणसी। वाराणसी और असम के बोगिबील के बीच अगले साल की शुरुआत में देश की सबसे लंबी नदी क्रूज सेवा शुरू होगी। यह क्रूज सेवा 4000 किलोमीटर से भी लंबा सफर तय करेगी और गंगा, भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग एवं ब्रह्मपूत्र नदियों से होकर गुजरेगी। बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने यह जानकरी दी।
  सोनोवाल ने कहा कि इस क्रूज सेवा के शुरू होने से असम के लोग व्यापार एवं पर्यटन से जुड़ी आजीविका के अलावा मालवहन को भी बढ़ावा देने में नदी जलमार्गों का इस्तेमाल कर पाएंगे। उन्होंने कहा, हमारी सरकार अंतर्देशीय नौवहन, नदी क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने और ब्रह्मपुत्र नदी पर समुचित टर्मिनलों के निर्माण की संभावनाओं को भी चिह्नित करने में लगी हुई है।
  सोनोवाल ने असम में डिब्रूगढ़ के पास बोगिबील क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत भी की। इसके अलावा सोनोवाल ने बोगिबील रिवरफ्रंट यात्री घाट का उद्घाटन भी किया। उन्होंने बोगिबील और गुइजन में जल क्षेत्र में बनने वाले दो घाट (जेट्टी) के निर्माण की आधारशिला भी रखी। दोनों घाट अत्याधुनिक तकनीकी से नवीनतम नदी टर्मिनल के रूप में विकसित किए जाएंगे। दोनों घाटों का निर्माण भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की तरफ से राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-2 पर किया जाएगा। ब्रह्मपुत्र नदी से गुजरने वाले जलमार्ग को ही राष्ट्रीय जलमार्ग-2 के रूप में जाना जाता है।
  केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि  ब्रह्मापुत्र नदी से न केवल प्राचीन सभ्यता पनपी, बल्कि यह हमारी आर्थिक जीवनरेखा भी है। ब्रिटिश काल से ही असम के ऑयल, कोयला और लकड़ी जैसे स्थानीय उत्पाद पूरी दुनिया में भेजे जाते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 14500 किमी से ज्यादा जलमार्ग पर सरकार का फोकस है और इस सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, सागरमाला और मैरिटाइम इंडिया विजन 2030 के तहत पोर्ट और जेट्टी विकसित किए जा रहे हैं। इससे लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही पर्यावरण संरक्षण भी होगा।