सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर लगाए गए अपने आरोपों का ठीकरा मीडिया पर फोड़ते हुए कहा, मीडिया वाले हवा दे देते हैं। राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने हमें साथ बैठाकर बात करा दी है। सभी को प्यार-मोहब्बत से समझा दिया है। अब सवाल व्यक्तिगत नहीं, देश का है। आज कांग्रेस देश की जरूरत है।

सीएम अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से सुलह और समझौते की कोशिशों के लिए दिल्ली में हुई बैठक के बाद जयपुर में पहली बार अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, मैं पायलट को तब से जानता हूं, जब वो ढाई साल के थे। यह बात खुद पायलट ने दिल्ली में हुई सुलह बैठक के दौरान बताई थी। पायलट और उनके खेमे के विधायकों की साल 2020 में बगावत और मानेसर कैम्प करने के मामले को लेकर गहलोत बोले, मैंने उन सबको माफ कर दिया है। जैसलमेर में होटल से निकलते ही मैंने कहा था कि भूल जाओ, आगे बढ़ो।

आरपीएससी कमीशन संवैधानिक संस्था, भंग नहीं किया जा सकता

राजस्थान में पेपर लीक मामले में सचिन पायलट ने आरपीएससी को भंग करके नए सिरे से पूरी कमेटी बनाने की मांग की है। इस मुद्दे पर गहलोत बोले, वो हमारी पार्टी के सदस्य हैं, इसलिए उनकी बात का ज्यादा वजन हो जाता है। हमने उनकी मांग के बाद पता किया था, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि हम आरपीएससी की कमेटी को भंग कर दें। क्योंकि यह संवैधानिक मामला है।

25 सितंबर 2022 की घटना का मुझे दुःख है - गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने 25 सितंबर 2022 को जयपुर में सीएम निवास के समानांतर मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर हुई विधायकों की बैठक के मामले में बताया कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से दिया गया प्रस्ताव पारित नहीं होना। मेरे लिए कल्पना से बाहर की बात थी। तब मैंने जैसलमेर में तनोट माता मंदिर में दर्शन करने के बाद मीडिया से कहा भी था कि दो लाइन का प्रस्ताव पास होना है। हम सारा फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ते हैं। लेकिन जब हम जयपुर पहुंचे, तो मालूम पड़ा कि धारीवाल जी के घर विधायक इकट्ठा हो गए हैं। ऐसा परसेप्शन बना कि मैं यह क्यों करवा रहा हूं? जबकि हमें तो मालूम भी नहीं था। मैं कहना चाहता हूं कि राजस्थान की कांग्रेस हमेशा हाईकमान के साथ रही है। मैं उस परिवार के लिए कुछ भी कर सकता हूं। कैसी भी स्थिति आ जाए, इस परिवार के लिए तो मैं कुछ भी करने को तैयार हूं।

रंधावा बोले- बड़ी उम्र वाले नेता सत्ता का मोह खुद त्यागें

राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी उम्र वाले नेताओं को अपने आप ही सत्ता का मोह त्याग देना चाहिए। बड़ी उम्र या कट ऑफ एज पॉलिटिक्स में नहीं हो सकती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी यूथ को साथ लेकर चलती है। जो जीतने वाला होगा, उसको ही टिकट देंगे। दो बार चुनाव हार चुके प्रत्याशियों के सवाल पर रंधावा ने कहा कि हम इस पर गंभीरता से बात कर रहे हैं।

रंधावा बोले, यह कहने की जरूरत नहीं होती है, उन्हें आम लोगों को यह संदेश देकर माइलस्टोन का काम करना चाहिए। कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो अनुभवी बुजुर्गों नेताओं और युवाओं को साथ लेकर चलती है और युवाओं को आगे बढ़ाने का काम भी किया जाता है।  जीतने वाले को टिकट दिया जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि बुजुर्गों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उनके अनुभव का लाभ पार्टी हमेशा लेती रहेगी। कांग्रेस के विधायक भरतसिंह कुंदनपुर ने नाम लेकर कहा, गहलोत को कुर्सी का मोह छोड़ देना चाहिए। वो अपने बेटे और अन्य युवाओं को आगे लाएं।