झारखंड के 1.63 लाख स्कूली बच्चों को नए सत्र में पाठ्य पुस्तकें नहीं मिल पाएंगी। यदि नई और पुरानी पुस्तकों को मिलाकर भी वितरण किया जाए तो भी 1,63,126 विद्यार्थियों को किताबों से वंचित होना पड़ेगा। 19 जिलों में जहां बच्चों की तुलना में किताबें कम हैं। वहीं, पांच जिले ऐसे हैं, जहां नामांकित बच्चों से ज्यादा किताबें हैं। गोड्डा, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू व पश्चिमी सिंहभूम में 18,392 किताबों का सेट विद्यार्थियों से अधिक है। यदि ये किताबें दूसरे जिलों में दे दी जाएं, जहां किताबें कम हैं, तभी विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा। दो जुलाई 2022 से शुरू शैक्षणिक सत्र में 45 लाख में 38 लाख बच्चों ने बिना किताबों के ही पढ़ाई शुरू कर दी है। हालांकि पिछले दो दिन से विद्यालयों में किताबें बंट रही हैं। एक हफ्ते में किताबों के वितरण का शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी दावा किया है। वहीं, विभाग यह नहीं बता पा रहा है कि इसके बाद भी जो बच्चे शेष रह जाएंगे, उन्हें पुस्तक कैसे उपलब्ध करायी जाएगी।