ग्वालियर ।  ग्वालियर के रेत के कारोबार में अवैध उत्खनन ही नहीं बल्कि महंगे दामों पर रेत को बेचने का भी बड़ा खेल चल रहा है। पहले तो अवैध उत्खनन और फिर मनमाने दामों पर रेत की सप्लाई। ग्वालियर में रेत खरीदनी है तो 10 से 15 हजार की ठगी का शिकार होना ही होगा, जबकि असल में यह कीमत नहीं है। रेत के दस घाट जिले में हैं जिसे नई रेत कंपनी को दिया गया है लेकिन दो ही घाट पुटटी और सिली की पर्यावरण एनओसी मिली है इसलिए शेष आठ घाटों को अनाधिकृत रूप से नहीं चलाया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि कंपनी अपनी राशि वापस मांग सकती है। इन घाटों से सांठगांठ के आधार पर रेत का खनन किया जा रहा है, क्योंकि रोजाना सैकड़ों डंपर रेत की सप्लाई शहर व शहर से बाहर हो रही है,तो दो घाट तो इसकी पूर्ति नहीं कर सकते हैं। रेत की जो ट्राली पांच से सात हजार में आती है, वह 15 हजार से ज्यादा की बेची जा रही है। हाइवे पर ऐसी ट्रालियों को आसानी से देखा जा सकता है क्योंकि कोई रोकने वाला नहीं है। अपने घर का सपना देखने वाले लोगों को बिल्डिंग मटेरियल में रेत की आपूर्ति करना होता,ग्वालियर में बड़ी हालत खराब है। यहां ट्राली से लेकर डंपर तक के दाम इतने उंचे कर रखे हैं कि कि हर कोई चौंक जाए। लंबे समय से यही कारोबार किया जा रहा है और जिला प्रशासन से लेकर माइनिंग विभाग इसको लेकर काेई कार्रवाई नहीं करता है। दरअसल,ग्वालियर में रेत का ठेका लेने वाली कंपनी के पास दतिया और भिंड जिले का भी काम है। ग्वालियर में कुल दस घाट हैं जहां से रेत का उत्खनन होता है। दो घाट भितरवार के पुटटी और सिली चल रहे हैं लेकिन शेष आठ घाट जो अभी रेत निकालने के लिए अधिकृत नहीं है िफर कारोबार चल रहा है।

बड़ा सवाल:

अवैध कारोबार,जनता ठग रही,सिस्टम बेफिक्र क्यों0 रेत के उत्खनन,परिवहन से लेकर सप्लाई तक में ग्वालियर में क्या हो रहा है,यह किसी से छिपा नहीं है। पहले अवैध उत्खन होता है फिर परिवहन में सांठगांठ इसके बाद सप्लाई में ओवर प्राइस,सीधे सीधे जनता के साथ ठगी हो रही है। रेत लेने का कोई और विकल्प भी नहीं इसलिए मजबूरी वश कोई रास्ता नहीं बचता। जिले के मुखिया लेकर माइनिंग विभाग और संबंधित क्षेत्र के एसडीएम-एसडीओपी इसको लेकर ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं। सब बेफिक्र होकर बैठे हैं।

इतनी महंगी बेची जा रही रेत

1000 फीट माल का डंपर 42000 रुपये

600 फीट माल की ट्राली15 से 17000 रुपये

इनका कहना 

रेत के अवैध उत्खनन को लेकर पिछले ही दिनों कार्रवाई की गई थी और समय समय पर हम करते हैं। बीच में प्रशासन की अन्य जगह व्यस्तताएं हो जातीं हैं अब दोबारा कार्रवाई कराई जाएगी। शेष आठ घाटों पर रेत को लेकर स्थिति अधिकारियों से दिखवाते हैं और रेत के दामों को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर