राजस्थान के जंगलों में पहली बार चीते देखने को मिलेंगे। बारां की शेरगढ़ सेंचुरी में 5 अफ्रीकी चीते छोड़े जाएंगे। इसको लेकर प्रोसेस शुरू हो चुका है। शेरगढ़ में परिस्थितियां जैसे घास के मैदान, प्रे-बेस आदि चीते के अनुकूल हैं। वहीं यहां परवन नदी में बोटिंग के साथ रियासत कालीन शिकारगाह नाहरिया माला से 3 किमी जंगल सफारी कराई जाएगी। पर्यटक बोटिंग से लेकर जंगल सफारी को एन्जॉय कर सकेंगे। वन विभाग की ओर से इसकी तैयारियां की जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अफ्रीका से 5 चीते लाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के कूनो पालपुर के बाद शेरगढ़ में चीता पहुंचेगा।शेरगढ़ में रोजाना बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंचते हैं। यहां प्राचीन किला सहित जंगल, नदी आदि परिस्थितियां टूरिस्ट के हिसाब से अनुकूल हैं। वैसे अभी यहां तीन लेपर्ड पहले से हैं।
एसीएफ अनुराग भटनागर ने बताया कि शेरगढ़ में नाहरिया माला रियासत कालीन शिकारगाह तक परवन में बोट के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। ऐसे में बोटिंग शुरू करवाकर नाहरिया माला तक टूरिस्ट लाएंगे। यहां से 2 से 3 किमी तक जंगल में ट्रैकिंग करवाई जाएगी। बोटिंग को लेकर टेंडर प्रक्रिया होगी। वहीं अन्य गतिविधियां वन वन विभाग के माध्यम से संचालित करवाई जाएंगी।

332 वर्ग किमी इको सेंसिटिव जोन से बढ़ेगी पर्यटक गतिविधियां
शेरगढ़ सेंचुरी के तहत इको सेंसिटिव जोन की सीमा निर्धारण किया जा रहा है। इसमें करीब 332 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल होगा। जिससे यहां पर होटल, पर्यटक सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। पर्यटन से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

यहां बढ़ रहे हैं वन्यजीव- शेरगढ़ सेंचुरी क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए परवन नदी तो है ही। साथ ही रियासतकालीन शिकारगाह और निर्माण भी मौजूद हैं। वन विभाग ने पिछले साल यहां दो मादा लेपर्ड भी छोड़ी है। पहले से मौजूद नर लेपर्ड के साथ यहां इनकी संख्या 3 हो गई है। यहां पर मगरमच्छ, जरख, लोमड़ी, काले हिरण, चिंकारा सहित अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट लगातार देखा जाता है। शेरगढ़ सेंचुरी में चारदीवारी निर्माण के बाद से वन्यजीवों और जंगल की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। ऐसे में यहां पर वाइल्ड लाइफ एक्टिविटी की गतिविधियां लगातार बढ़ रही है।

समिति का हो चुका गठित- जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तरीय पर्यटन विकास क्रियान्वित एवं प्रबंधन के लिए समिति गठित की जा चुकी है। वहीं गाइड ट्रेनिंग कोर्स एवं गाइड चयन के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया जा चुका है। जिले में पर्यटन विकास को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं।