प्री मानसून ने उत्तर क्षेत्र के राज्य हरियाणा में भी दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून सीजन में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की संभावना जताई है। उत्तराखंड से उत्तर गढ़वाल में उत्तरकाशी क्षेत्र के बंदरपूंछ चोटी की 10 हजार 804 फुट की ऊंचाई से बहती यमुना में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचने वाली यमुना में पिछले साल की अपेक्षा जलस्तर और बढ़ने के मद्देनजर प्रशासन सतर्क हो गया है।

करनाल जिला प्रशासन ने मानसून के दौरान यमुना के बहाव के दौरान होने वाले अप-डाउन के मुताबिक तमाम सुरक्षा उपाय अपनाने के पहल शुरू कर दी है। बाढ़ आने पर मोटर बोट, नाव, गोताखोर, शरणालय और पशु शिविर आदि के लिए स्थान चिह्नित कर लिए हैं। कृषि, बिजली, पुलिस, वन विभाग, जिला पूर्ति कार्यालय, जिला पंचायत, नगर पालिका, तहसील प्रशासन ने भी कार्ययोजना तैयार कर ली है। बाढ़ में फंसने और अन्य किसी इमरजेंसी में प्रशासन से संपर्क व मदद लेने के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।

यमुना नदी के तेज बहाव से बचाव के लिए हरियाणा की सीमा से लगते पूरे करनाल जिला में यमुना किनारे के ठोकरों को मजबूत करने का काम पूरा किया गया। लोगों को किसी भी प्रकार से दहशत में आने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मानसून की संभावनाओं के लिहाज से सावधान रहने की आवश्यकता समझी जा रही है। इसके अलावा जिले में सभी नहरों और ड्रेनों की सफाई का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। नवतेज सिंह ने बताया कि लालूपुरा गांव में आठ नए स्टड बनाए गए हैं जबकि कुछ पुराने स्टड की मरम्मत की गई है।