जयपुर ।  प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सामाजिक सुरक्षा एवं कर्मचारी हित को लेकर सदैव क्रियाशील है। इसी कडी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संस्कृत महाविद्यालयों के कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को नये वर्ष की सौगात देते हुए उन्हें नियमानुसार पे-स्केल तथा संशोधित पेंशन परिलाभ दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। संस्कृत महाविद्यालयों के सेवानिवृत्त एवं कार्यरत शिक्षकों ने इस संवेदनशील निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। गहलोत द्वारा पूर्व में भी संस्कृत महाविद्यालय के शिक्षकों को सातवां वेतनमान एवं पे-बैण्ड- द्ब1 स्वीकृत किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि संस्कृत महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन परिलाभों को वर्ष 2017 में रोक दिया गया था। इसी प्रकार सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी वर्ष 2017 में पेंशन परिलाभों से वंचित कर दिया गया था। इस कारण वर्ष 2017 के बाद सेवानिवृत्त हुए संस्कुत महाविद्यालयों के व्याख्याता प्रोफेसर एवं प्राचार्यों को प्रोविजनल पेंशन मिल रही थी।
मुख्यमंत्री ने दी 4 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति :- चित्तौडग़ढ़ जिले में महाबलिदानी पन्नाधाय के पैतृक स्थल पाण्डोली में ‘महाबलिदानी पन्नाधाय पेनोरमा’ बनेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेनोरमा निर्माण के लिए 4 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।  मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से पेनोरमा के लिए निर्धारित स्थल पर मुख्य पेनोरमा भवन सभागार हॉल पुस्तकालय प्रवेश द्वार प्रतिमा छतरी स्कल्पचर्स ऑडियो-विडियो सिस्टम शिलालेख एवं विभिन्न आर्ट वर्क सहित अनेक कार्य होंगे। इस पेनोरमा द्वारा पन्नाधाय के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को विभिन्न माध्यमों के जरिए दर्शाया जाएगा जिससे आमजन को उनके अविस्मरणीय बलिदान त्याग साहस स्वाभिमान एवं स्वामिभक्ति की जानकारी मिलेगी।